एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि उसे भारत की सॉवरिन रेटिंग घटाए जाने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैंं। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जब तक कि भारत की राजकोषीय स्थिति में कोई गंभीर गिरावट नहीं आती है, तब तक ऐसा नहीं होगा।
साल के मध्य में आए एशिया प्रशांत सॉवरिन रेटिंग पर अपनी रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा, ‘हमारे राजकोषीय और ऋण संबंधी आकलन फिलहाल भारत पर हमारी रेटिंग के लिए कमजोर समर्थन कर रहे हैं। हालांकि जब तक राजकोषीय स्थिति में कोई गंभीर गिरावट नहीं आती है, हमें नहीं लगता कि भारत की सॉवरिन रेटिंग इन्वेस्टमेंट ग्रेड से नीचे गिरेगी।’
एसऐंडपी ने कहा कि हाल के संसदीय चुनाव के परिणामों से भारत के राजकोषीय सुधारों पर कोई बड़ा नकारात्मक असर पड़ने के आसार नहीं है। इसमें कहा गया है, ‘देश का कर राजस्व 10 साल से ज्यादा के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। बढ़े हुए राजस्व से सरकार को सरकारी निवेश को सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 4 फीसदी तक बढ़ाने में मदद मिली है, जो 10 साल से ज्यादा समय का उच्चतम स्तर है। हम उम्मीद करते हैं कि नई भाजपा सरकार यह सुधार जारी रखेगी, भले ही उसे संसद में पूर्ण बहुमत नहीं है।’
एसऐंडपी ने कहा है कि अगले 2 से 3 साल में कर राजस्व बढ़ने से घाटे में कमी आ सकती है। इसमें कहा गया है, ‘अगर भारत का राजकोषीय घाटा उल्लेखनीय रूप से कम होता है तो हम भारत की रेटिंग बढ़ा सकते हैं।’
बहरहाल एसऐंडपी ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर देश की संस्थागत क्षमता कम होती है और टिकाऊ सार्वजनिक वित्त बरकरार रखने की राजनीतिक प्रतिबद्धता में कमी आती है तो वह नजरिया घटाकर स्थिर कर सकता है।