भारत में विनिर्माण गतिविधियां जून में इस साल के दौरान दूसरी बार तेजी से बढ़ी। निजी सर्वेक्षण ने सोमवार को बताया कि देश और विदेश की मांग के कारण तेजी आई। जून में विनिर्माण का पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (PMI) 57.8 रहा जबकि इसके पिछले महीने 58.7 था।
एसऐंडपी ग्लोबल (S&P global) ने बताया कि भारत का पीएमआई घटकर जून महीने में 57.8 रहा जो मई महीने में 58.7 था। विनिर्माण गतिविधियों में नरमी के बावजूद आंकड़ा परिचालन स्थिति में सुधार को बताता है। पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब विस्तार होता है, जबकि 50 से नीचे का स्तर संकुचन को दर्शाता है। दिसंबर 2022 में पीएमआई 57.8 दर्ज किया गया था।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के अनुसार, ‘मांग लगातार मजबूत होने से समर्थन मिला। हालांकि बिक्री, उत्पादन, कच्चे माल के भंडार में वृद्धि, रोजगार आदि से भी समर्थन मिला।’ नए आर्डर मिलने से जून में विनिर्माण गतिविधियां तेजी से बढ़ी।
एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की एसोसिएट निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा, ‘जून के जो पीएमआई आंकड़े हैं, वह फिर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत में विनिर्मित उत्पादों की मजबूत मांग को बताते हैं।’उन्होंने कहा, ‘बढ़ी मांग को भारत के विनिर्माण क्षेत्र के आपूर्तिकर्ता आसानी से पूरा करने में समर्थ थे। इससे आपूर्ति करने के समय में सुधार होने का संकेत मिला।’
डीलीमा ने कहा, ‘कच्चे माल खरीद में वृद्धि विनिर्माताओं के बीच उम्मीद और सकारात्मक रुख को बताती है। वास्तव में उन्होंने अनुकूल बाजार स्थितियों को भुनाने और उत्पादन वृद्धि को समर्थन देने के लिए संसाधन हासिल किए।’