वित्त वर्ष 2023-24 में सुस्त शुरुआत के बावजूद भारतीय रेलवे की माल ढुलाई 5 प्रतिशत बढ़ी है। इसे अंतिम तिमाही में बल मिला है। सरकार के अधिकारियों के मुताबिक रेलवे ने वित्त वर्ष 2024 में 1.59 अरब टन वस्तुओं की ढुलाई की है। यह वृद्धि प्राथमिक रूप से कोयले और लौह अयस्क के कारण हुई है, जिसकी सामान्यतया रेलवे की कुल ढुलाई में बड़ी हिस्सेदारी होती है।
रेलवे ने कुल 7,876.1 लाख टन कोयले की ढुलाई की है, जो पिछले साल से 8 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं अधिकारियों ने कहा कि लौह अयस्क की ढुलाई 1,809.5 लाख टन रही है, जो 13 प्रतिशत अधिक है।
पूर्वी मध्य रेलवे में जनरल मैनेजर रहे ललित चंद्र त्रिवेदी ने कहा कि ज्यादातर कोयले की ढुलाई रेल से होती है, और कोयले का उत्पादन बढ़ने से फायदा हुआ है। भारत में कोयले की खपत बढ़ रही है और भविष्य में भी इसकी ढुलाई से रेलवे की कमाई बढ़ेगी।
बहरहाल विविध की श्रेणी में आने वाली वस्तुओं की रेल से ढुलाई करीब 150 लाख टन घटकर 1,140 लाख टन रह गई है। विविध की श्रेणी में शामिल सामान की ढुलाई में दो साल तक दो अंकों की वृद्धि के बाद अब इनकी ढुलाई कम हो गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर रेलवे नैशनल लॉजिस्टिक्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य पूरा करना चाहता है तो उसे देश की अर्थव्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी 1.2 से 1.5 गुना बढ़ानी होगी।