वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ उद्योग को समर्थन देने के लिए सतर्क और सक्रिय है। उन्होंने कहा कि हम वस्तुओं का ‘ट्रांसशिपमेंट’ नहीं होने देंगे। गोयल ने एक कार्यक्रम में उद्योग से जागरूक रहने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया, ‘हम भारत को किसी भी समय में उद्गम के नियमों की अवहेलना कर ‘ट्रांसशिपमेंट’ का मार्ग नहीं बनने देंगे। ‘ट्रांसशिपमेंट’ के तहत अन्य देश अपने उत्पाद भारत में ला सकते हैं और इसमें कुछ प्रक्रियागत बदलाव कर ‘मेड इन इंडिया’ बताकर तीसरे देश को आपूर्ति कर सकते हैं।’
हालांकि मंत्री ने किसी देश के नाम का उल्लेख नहीं किया है लेकिन उनका यह वक्तव्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के बयान के संदर्भ में आया है। वेंस ने मंगलवार को कहा था कि अमेरिका ‘निष्पक्षता’ के आधार पर व्यापारिक साझेदार चाहता है और संबंधित देश अन्य देशों की वस्तुओं की ट्रांसशिपिंग के लिए ‘बिचौलिए’ के रूप में कार्य नहीं करे।
भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार अमेरिका है। अभी दोनों देश व्यापारिक समझौते का शुरुआती चरण शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। सरकार ने घरेलू स्टील उद्योग को ‘डंपिंग’ और घटिया स्तर के स्टील आयात से बचाने के लिए 200 दिनों की अवधि के लिए स्टील के आयात पर 12 प्रतिशत सुरक्षा शुल्क लगाया है। उन्होंने उद्योग से अनुरोध किया कि वे भारत के आपूर्तिकर्ताओं को तरजीह दें और ‘सुविधाजनक’ आयात नहीं करें।
गोयल ने बताया, ‘आप जब भी भारतीय आपूर्ति देखें तो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत की आपूर्ति को प्राथमिकता देंगे और भारत की कंपनी या विनिर्माताओं के लिए हानिकारक आयात नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘यह एक चेतावनी की तरह है। आपको (अभी) डंपिंग से संरक्षण या अतार्किक दाम पर खराब गुणवत्ता वाले आयातित स्टील से संरक्षण की आवश्यकता है। यह आपका दायित्व व जिम्मेदारी है कि आप आपूर्ति श्रृंखला को मदद करें। मैं उम्मीद करता हूं कि यह संदेश स्टील उद्योग के अलावा देश में हरेक व्यक्ति तक पहुंचेगा।’
मंत्री ने आगे कहा कि भारत मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के जरिये अपने स्टील क्षेत्र की अधिक बढ़ी मार्केट तक पहुंच चाहता है और भारत एफटीए के लिए कार्य भी कर रहा है। गोयल ने बताया, ‘हम कम से कम 10 या 12 देशों या देशों के समूहों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर कार्य कर रहे हैं। इनमें ईयू (यूरोपियन यूनियन) भी है जिसमें एक ब्लॉक के रूप में यूरोप के 27 देश हैं। हम इसमें हरेक देश के साथ कार्य कर रहे हैं कि हम कैसे हमारी लागत दक्षता और उच्च गुणवत्ता के स्टील क्षेत्र को अधिक पहुंच दिला सकते हैं।’
भारत अमेरिका और ईयू के अलावा ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, पेरू, चिली, ओमान के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है। बहरीन, कतर या गल्फ कॉऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) के साथ बातचीत अंजाम तक पहुंच सकती है।