भारत और रूस के बीच व्यापार 2024 में रिकॉर्ड ₹66 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले पांच साल में पांच गुना बढ़ोतरी है। इस साल के पहले आठ महीनों में व्यापार में 9% की वृद्धि दर्ज की गई है।
रूस के कोलकाता में कॉन्सुल जनरल मैक्सिम वी. कोज़लोव ने भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स (BCC) के सदस्यों के साथ एक इंटरएक्टिव सत्र में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों देश 2030 तक ₹100 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
व्यापार बढ़ाने पर जोर
कोज़लोव ने कहा, “दोनों देशों के नेताओं के बीच व्यापार के नए क्षेत्रों को जोड़ने और निवेश बढ़ाने पर हाल ही में हुई चर्चाओं से यह लक्ष्य प्राप्त करना संभव होगा।” उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने और व्यापार के विविधीकरण से दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूती मिल रही है।
भारत-रूस का व्यापारिक रिश्ता: ‘ऑल-वेदर फ्रेंड्स’ की तरह मजबूत
भारत और रूस के बीच संबंध केवल रणनीतिक साझेदारी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह “ऑल-वेदर फ्रेंड्स” का बंधन है। कोलकाता में भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स (BCC) के एक सत्र में रूसी कॉन्सुल जनरल मैक्सिम वी. कोज़लोव ने कहा, “हमारा रिश्ता आपसी विश्वास और साझा हितों पर आधारित है, जिससे हमारी आर्थिक साझेदारी का विकास स्वाभाविक और टिकाऊ बनता है।”
सहयोग के प्रमुख क्षेत्र
दोनों देशों ने रेलवे, फार्मास्युटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी, एविएशन और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की पहचान की है। इसके अलावा, पश्चिमी ब्रांड्स के रूस से हटने के बाद भारतीय कंपनियों के लिए रूस में नए व्यापारिक अवसर खुल रहे हैं।
नए उद्योगों में साझेदारी
कोज़लोव ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, शहरी विकास, और लिथियम, कोबाल्ट और निकल जैसे महत्वपूर्ण धातुओं में सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया, जो भविष्य की तकनीकी उद्योगों के लिए बेहद अहम हैं। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य कच्चे माल के व्यापार से आगे बढ़कर तकनीकी क्षेत्रों में वैश्विक लीडर बनना है।”
व्यापार नेटवर्क को बढ़ावा
BCC के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश पचिसिया ने कोज़लोव से कोलकाता में एक व्यापार केंद्र स्थापित करने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह केंद्र भारत और रूस के व्यापारिक नेटवर्क को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।”