भारत ने वाहनों और कलपुर्जों पर शुल्क लगाए जाने के जवाब में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिका पर शुल्क लगाने का शुक्रवार को प्रस्ताव पेश किया। हालांकि दोनों देश अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप के करीब पहुंच गए हैं। विश्व व्यापार संगठन की अधिसूचना के मुताबिक ‘रियायती या अन्य दायित्वों का प्रस्तावित निलंबन अमेरिका में तैयार होने वाले उत्पादों पर शुल्क वृद्धि का रूप लेगा। अनुच्छेद 8.2, एओएस के अनुसार बिना किसी पूर्वग्रह के तहत समान दायित्वों को निलंबित कर सकता है। भारत इस अधिसूचना के जारी होने के 30 दिनों में रियायत या अन्य दायित्वों को निलंबित करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।’
अमेरिका ने यात्री वाहनों व हल्के ट्रकों सहित वाहन के चुनिंदा हिस्सों पर 3 मई को शुल्क वृद्धि ‘सुरक्षित उपायों’ के तहत की थी। इसके जवाब में भारत ने कहा कि अमेरिका ने इन उपायों को अधिसूचिन नहीं किया है। ये वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप भी नहीं हैं।
इस बारे में भारत ने आगे कहा कि अमेरिका के इन सुरक्षा उपायों से हर वर्ष भारत में तैयार 2.895 अरब डॉलर के वाहन उत्पादों के आयात पर असर पड़ेगा। दरअसल, भारत पर 72.375 करोड़ रुपये के कुल शुल्क लगाए गए हैं। लिहाजा इसके जवाब में भारत समान मूल्य की व्यापार रियायतों को निलंबित करने की योजना बना रहा है।
भारत ने पिछले महीने सुरक्षा उपायों पर समझौते के तहत डब्ल्यूटीओ को औपचारिक अधिसूचना प्रस्तुत की थी। इसमें भारत ने बहुपक्षीय व्यापार निकाय को अमेरिका के स्टील व एल्यूमीनियम और उनसे तैयार उत्पादों पर लगाए गए शुल्क के जवाब में समझौते के तहत रियायतों को निलंबित करने के अपने इरादे के बारे में सूचित किया था।
भारत का रुख था कि अमेरिकी शुल्क 1962 के अमेरिकी व्यापार विस्तार अधिनियम की धारा 232 के तहत लगाए गए थे। हालांकि विश्व व्यापार संगठन के नियम सुरक्षा उपायों के तहत भारत को समान रियायतें वापस लेने का अधिकार देते हैं। वर्तमान समय में सभी की निगाहें दोनों देशों के बीच अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा पर हैं। अमेरिका के देश विशिष्ट पर शुल्क लगाने की 90 दिनों की अवधि 9 जुलाई को समाप्त हो रही है।
दोनों पक्ष एक ‘अर्ली ट्रेंच’ या व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले भाग को अंतिम रूप देने का लक्ष्य बना रहे हैं, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने फरवरी में की थी।