प्रतीकात्मक तस्वीर
India GDP growth Q1 FY26: भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में शानदार प्रदर्शन किया है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा। यह पिछले साल की इसी तिमाही में दर्ज 6.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी से काफी बेहतर है। खास बात यह है कि यह आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से भी ज्यादा है। RBI ने इस महीने की शुरुआत में हुई अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में पहली तिमाही और पूरे वित्त वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान बरकरार रखा था।
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इससे पहले, वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भी अर्थव्यवस्था ने जोरदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान GDP में 7.4 प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो दिसंबर तिमाही के संशोधित 6.4 प्रतिशत के मुकाबले ज्यादा थी। यह बढ़ोतरी बाजार के 6.7 प्रतिशत के अनुमान से भी ऊपर थी और पूरे वित्त वर्ष में सबसे तेज रही। इस तेजी के पीछे खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में कमी, ब्याज दरों में नरमी और निवेश में बढ़ोतरी जैसे कारण रहे। भारत की निर्यात पर कम निर्भरता ने इसे वैश्विक व्यापारिक चुनौतियों से भी बचाए रखा। इस तिमाही में स्थायी पूंजी निवेश (ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन) में 9.4 प्रतिशत की उछाल आई, जो करीब दो साल में सबसे ज्यादा थी। वहीं, निजी खपत में भी 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
निर्यात के मामले में भी अच्छी खबर रही। इस दौरान निर्यात 3.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि आयात में 12.7 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई, जिसका GDP बढ़ोतरी पर पॉजिटिव असर पड़ा। RBI ने FY26 के लिए अपने 6.5 प्रतिशत के GDP बढ़ोतरी अनुमान को बरकरार रखा है। इसके पीछे मजबूत घरेलू मांग, सरकारी पूंजीगत खर्च और ग्रामीण खपत में सुधार जैसे कारण हैं। RBI के तिमाही अनुमान इस प्रकार हैं: Q1 FY26 में 6.5%, Q2 में 6.7%, Q3 में 6.6% और Q4 में 6.3%। पूरे साल के लिए 6.5% की बढ़ोतरी का अनुमान है। GDP का यह प्रदर्शन दिखाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चुनौतियों के बावजूद मजबूती से आगे बढ़ रही है।