औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर जुलाई में बढ़कर 4 महीने के उच्च स्तर 3.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जून में यह 1.5 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक सभी क्षेत्रों में सुधार के कारण ऐसा हुआ है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन जुलाई में बढ़कर 6 महीने के उच्च स्तर 5.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जो जून में 3.7 प्रतिशत था। वहीं बिजली क्षेत्र का उत्पादन 3 महीने में पहली बार धनात्मक क्षेत्र (0.6 प्रतिशत) में आ गया है। हालांकि खनन क्षेत्र का उत्पादन लगातार चौथे महीने में भी जुलाई दौरान संकुचन के क्षेत्र (-7.2 प्रतिशत) में बना हुआ है।
इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘खनन और बिजली क्षेत्र का प्रदर्शन कमजोर बना हुआ है। हालांकि भारती बारिश का असर कुछ कम हुआ है। इसका कुल मिलाकर आईआईपी की वृद्धि पर असर पड़ा। विनिर्माण क्षेत्र में तेजी उत्साहजनक है।’ उपभोग पर आधारित वर्गीकरण के मुताबिक सभी उपभोग आधारित क्षेत्रों में जुलाई 2025 में सुस्त से तेज वृद्धि हुई है। सिर्फ प्राथमिक वस्तु सेग्मेंट में संकुचन (-1.7 प्रतिशत) जारी रहा है।
केयरएज रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि निवेश के मोर्चे पर बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र में बेहतर वृद्धि हुई है, जिससे सरकार के पूंजीगत व्यय के जारी रहने के संकेत मिलते हैं।