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ED-IBBI ने घर खरीदारों और बैंकों को राहत देने के लिए नए नियम लागू किए

ईडी के अनुसार, अब रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स PMLA की धारा 8(7) और 8(8) के तहत आवेदन करके ऐसी संपत्ति जारी कर सकते हैं।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- November 05, 2025 | 3:19 PM IST

एजेंसियों ने धोखाधड़ी का शिकार हुए होमबायर्स और बैंकों के लिए बड़ी राहत दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के तहत अटैच किए गए दिवालिया कंपनियों और उनके प्रमोटर्स की संपत्तियां अब वापस प्रभावित पक्षों को मिलेंगी। इसके लिए नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाई गई है।

इंसॉल्वेंसी एंड बैंकक्रप्टसी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) ने 4 नवंबर को इस संबंध में सर्कुलर जारी किया। यह कदम ED और IBBI के बीच कई मीटिंग्स और समन्वय के बाद लिया गया।

नई व्यवस्था के तहत इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल्स (IPs) विशेष PMLA कोर्ट में स्टैंडर्ड अंडरटेकिंग दाखिल करेंगे। इसके बाद ED द्वारा अटैच की गई संपत्तियां रिलीज की जाएंगी और बैंक या होमबायर्स जैसे प्रभावितों को लौटाई जाएंगी।

अभी तक कई मामलों में कॉर्पोरेट डेब्टर की संपत्तियां PMLA के तहत जब्त होने की वजह से दिवालियापन प्रक्रिया में उपयोग नहीं हो पा रही थीं। अब ED और IBBI ने इसके लिए सुसंगठित तरीका तैयार किया है, जिससे जब परिसंपत्तियों की लिक्विडेशन प्रक्रिया चल रही हो, तब भी उन्हें क्रेडिटर्स को वापस किया जा सके।

ईडी ने बताया कि अब PMLA के तहत धोखाधड़ी से प्रभावित लोगों, जैसे बैंक और होमबायर्स, को उनकी संपत्ति वापस दिलाना संभव हो गया है।

ईडी के अनुसार, अब रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स PMLA की धारा 8(7) और 8(8) के तहत आवेदन करके ऐसी संपत्ति जारी कर सकते हैं।

इस नए तंत्र के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लौटाई गई संपत्ति सिर्फ क्रेडिटर्स के लाभ के लिए ही इस्तेमाल हो। आरोपी या प्रमोटर्स को इसका कोई फायदा नहीं मिलेगा। साथ ही पूरी रिपोर्टिंग और अनुपालन की प्रक्रिया तब तक लागू रहेगी जब तक मामला पूरी तरह से निपट न जाए।

एजेंसी ने कहा कि यह पहल दिखाती है कि PMLA के तहत कड़ी कार्रवाई और IBC के तहत संपत्ति की अधिकतम वसूली एक-दूसरे के विरोध में नहीं हैं। सही तालमेल से दोनों का उपयोग करके आर्थिक अपराधियों पर मुकदमा चलाया जा सकता है और सार्वजनिक व क्रेडिटर्स के हितों की रक्षा भी की जा सकती है।

ईडी ने यह भी कहा कि इसका उद्देश्य अपराधियों को उनके अपराध की संपत्ति का लाभ उठाने से रोकना और क्रेडिटर्स के लिए वसूली बढ़ाना है। साथ ही, यह नया सरल तंत्र कोर्ट में लंबित मुकदमों को जल्दी निपटाने में मदद करेगा।

(-पीटीआई इनपुट के साथ)

First Published : November 5, 2025 | 3:19 PM IST