पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा ने बुधवार को कहा कि लागत पर नियंत्रण किए जाने के बाद, कंपनी के आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित उत्पादों पर ध्यान दिए जाने से अब राजस्व वृद्धि की रफ्तार और बढ़ने की उम्मीद है। एआई आधारित उत्पादों का इस्तेमाल, नोएडा की इस कंपनी के ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यापारियों के समूह को ध्यान में रखकर किया जाएगा, जिनमें छोटे और बड़े दोनों तरह के व्यापारी शामिल हैं।
आय की घोषणा के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ‘एआई हमारे लिए अब राजस्व का एक जरिया है। यह नई सेवाएं, नया कारोबार और कई और चीजें लाएगा जिस पर हम काम कर सकते हैं। अभी तक, हम इसे लागत और कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में लगा रहे थे। हालांकि, आगे इसे और प्रभावी बनाने की कोशिश होगी।’
पेटीएम ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में अपने अप्रत्यक्ष खर्चों में कटौती की है जिसमें कर्मचारी लागत, मार्केटिंग और क्लाउड लागत शामिल हैं और यह 18 प्रतिशत तक घटकर 1,064 करोड़ रुपये हो गया जो वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 1,298 करोड़ रुपये था। तिमाही-दर-तिमाही आधार पर देखें तो अप्रत्यक्ष लागत वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के 1,079 करोड़ रुपये से कम हुई है।
कंपनी के अध्यक्ष और समूह मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) मधुर देवड़ा ने कहा, ‘शुरुआत इस बात से होती है कि नए राजस्व देने वाले उत्पादों के अलावा, एआई हमें बेहतर कार्यक्षमता और बेहतर जानकारी देता है। उदाहरण के तौर पर यदि हम बेहतर जानकारी का उपयोग कर अपने भागीदारों के लिए ऋण लागत कम कर पाते हैं तब यह अधिक संग्रह से होने वाली आमदनी में तब्दील हो जाता है।’
पेटीएम अपने साउंडबॉक्स या एआई उपकरणों को बेहतर बनाने के लिए एआई का लाभ उठा रही है। ये उपकरण व्यापारियों को एआई-संचालित एजेंटों से लैस कर रहे हैं, जो उन्हें गहन जानकारिया, विश्लेषण और आवाज आधारित निर्देश देते हैं। कंपनी बाद में इन सेवाओं के लिए सब्सक्रिप्शन शुल्क लेकर पैसा कमा सकती है।
शर्मा ने आगे कहा, ‘विचार यह है कि एक छोटे व्यवसाय में एक मुख्य परिचालन अधिकारी, मुख्य वित्त अधिकारी, मुख्य विपणन अधिकारी व्यावहारिक रूप से एआई के रूप में मौजूद हो सकते है। हम विशेष रूप से अपने द्वारा बनाए गए ऐसे उपकरण बना रहे हैं।’
कंपनी के पास 4.7 करोड़ पंजीकृत व्यापारी का आधार है। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही तक, सब्सक्रिप्शन लेने वाले व्यापारियों की संख्या 1.37 करोड़ है जो इसके उपकरणों का उपयोग करते हैं।
पेटीएम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है और विदेश में वृद्धि के लिए दो अलग-अलग मॉडलों पर काम कर रहा है।
पहला, कंपनी विदेशी बाजारों में स्थापित स्थानीय खिलाड़ियों के साथ तकनीकी साझेदारी करेगी। दूसरा, यह अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली या बहुसंख्यक नियंत्रित संस्थाओं के माध्यम से आकर्षक भुगतान मार्जिन वाले नए बाजारों में प्रवेश करने की योजना बना रही है।
वर्ष 2024 में, पेटीएम की पूर्ण स्वामित्व वाली सिंगापुर इकाई ने जापानी फिनटेक कॉरपोरेशन पेपे में अपनी हिस्सेदारी 2,364 करोड़ रुपये में बेच दी थी। शर्मा ने कहा कि कंपनी दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे उभरते बाजारों और विकसित बाजारों पर भी नजर रखेगी।
पेटीएम ब्रांड का संचालन करने वाली वन97 कम्युनिकेशंस (ओसीएल) ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के लिए 21 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है।
यह पिछले वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी द्वारा दर्ज किए गए 928 करोड़ रुपये के मुनाफे के उलट है, जिसे जोमैटो को अपनी फिल्मों की टिकट और इवेंट्स कारोबार की बिक्री से हुई एक असाधारण आमदनी से बढ़ावा मिला था। तिमाही-दर-तिमाही आधार पर शुद्ध लाभ 123 करोड़ रुपये से 83 प्रतिशत तक गिर गया।
पेटीएम ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में अपने परिचालन से 2,061 करोड़ रुपये की कमाई की जो वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में परिचालन से होने वाली 1,659 करोड़ रुपये की कमाई से 24.23 फीसदी की बढ़त है।