भारत के गैस नियामक ने देश के सबसे बड़े गैस वितरक गेल से गैस टर्बाइनों को चरणबद्ध तरीके से हटाकर इलेक्ट्रिक मोटरों का इस्तेमाल करने को कहा है, जिससे लागत में कमी आ सके। इस समय भारत में गैस पाइपलाइनों के कंप्रेसर में गैस से चलने वाले टर्बाइन का उपयोग किया जाता है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) के चेयरपर्सन अनिल जैन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि प्राकृतिक गैस की ज्यादा कीमत का हवाला देते हुए गेल ने पाइपलाइन शुल्क में बढ़ोतरी का अनुरोध किया है, जिसे देखते हुए उसे इलेक्ट्रिक मोटरों के इस्तेमाल की सलाह दी गई है।
नियामक इस कदम से लागत पर पड़ने वाले असर का मूल्यांकन कर रहा है। जैन ने कहा कि गैस की कीमत की तुलना में बिजली की लागत कम होने से कंपनी को परिचालन लागत घटाने में मदद मिलेगी।
जैन ने कहा, ‘हमने इकाइयों को गैस से चलने वाले टर्बाइनों की जगह इलेक्ट्रिक मोटरों का विकल्प अपनाने को कहा है। यह व्यवहार्यता अध्ययन के चरण में है। इसमें लगने वाले वक्त और पड़ने वाली लागत पर काम चल रहा है।’