facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Tata Capital, Dmart, Waaree Renewable समेत आज कई दिग्गज शेयरों में रहेगी चर्चासोना कॉमस्टार ने दुर्लभ खनिज मैग्नेट की गुणवत्ता पर जताई चिंताअदाणी डिफेंस ऐंड एयरोस्पेस ने किया एमटीएआर टेक्नॉलजीज संग करारMSME पर ट्रंप टैरिफ का असर: वित्त मंत्रालय बैंकों के साथ करेगा समीक्षा, लोन की जरूरतों का भी होगा आकलनवैश्विक बोर्डरूम की नजर भारत पर, ऊंची हैं उम्मीदें : डीएचएल एक्सप्रेसTesla और VinFast की धीमी शुरुआत, सितंबर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में हिस्सेदारी 1% से भी कमकंपनियां दीवाली पर कर्मचारियों और ग्राहकों को स्वादिष्ट और उपयोगी उपहार देने में दिखा रहीं बढ़त!किर्लोस्कर का औद्योगिक सुधार पर दांव, अरबों डॉलर की राजस्व वृद्धि पर नजरLokah Chapter 1: Chandra ने ₹30 करोड़ बजट में ₹300 करोड़ की कमाई की, दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ाH-1B वीजा पर निर्भर नहीं है TCS, AI और डेटा सेंटर पर फोकस: के कृत्तिवासन

GDP: जीडीपी ग्रोथ रेट मार्च तिमाही में 7.4% रही, FY25 में 6.5% की दर से बढ़ी अर्थव्यवस्था

NSO ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2024-25 के लिए देश की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत आंकी थी।

Last Updated- May 30, 2025 | 7:53 PM IST
GDP

GDP growth rate: देश की आर्थिक वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में धीमी होकर 7.4% रही। इसके साथ पूरे वित्त वर्ष के दौरान वार्षिक वृद्धि दर घटकर 6.5% रह गई। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ एक साल पहले की समान तिमाही के 8.4% से कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च तिमाही में ग्रोथ रेट के सुस्त पड़ने से समूचे वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की ग्रोथ रेट घटकर 6.5% पर आ गई। वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी की ग्रोथ रेट 9.2% रही थी।

Also read: Dharavi Redevelopment Plan: अब स्मार्ट सिटी बनेगा धारावी, ₹95790 करोड़ की योजना से बदलेगी तस्वीर; मास्टर प्लान को मंजूरी

NSO ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2024-25 के लिए देश की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत आंकी थी। एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही है।

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच FY26 में निवेश और खपत पर दबाव

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा, “चौथी तिमाही की वृद्धि दर आंशिक रूप से केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा की गई पिछली अवधि में खर्च (बैक-लोडेड स्पेंडिंग) का असर दिखाती है, जो मुख्य रूप से सार्वजनिक पूंजीगत व्यय (पब्लिक कैपेक्स) से प्रेरित रही। कुल मिलाकर यह वृद्धि सरकार के अनुमान के अनुरूप रही है, जिसमें पूंजी निर्माण (कैपिटल फॉर्मेशन) स्थिर बना रहा।”

उन्होंने आगे कहा, “वित्त वर्ष 2025-26 में वैश्विक अनिश्चितताएं निकट भविष्य में निवेश की योजनाओं को प्रभावित कर सकती हैं। वहीं शहरी आय में नरमी का असर निजी खपत पर पड़ सकता है। हालांकि, इसे आंशिक रूप से मौद्रिक नीतियों में लगातार ढील—नीतिगत दरों और नियामकीय ढांचे—से संतुलित किया जा सकता है। भले ही, पारंपरिक तरीकों से राजकोषीय नीति के पास वृद्धि को प्रोत्साहित करने की सीमित गुंजाइश रहेगी।”

(PTI के इनपुट के साथ)

First Published - May 30, 2025 | 4:30 PM IST

संबंधित पोस्ट