अर्थव्यवस्था

India GDP Forecast: भारत की आर्थिक चाल पर उलटफेर! OECD ने घटाया अनुमान, UBS ने दिखाई उम्मीद

यूबीएस सिक्योरिटीज ने वित्त वर्ष 2026 के लिए वृद्धि अनुमान बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले 6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- June 03, 2025 | 10:39 PM IST

आर्थिक सहयोग एवं विकास  संगठन (ओईसीडी) ने मंगलवार को जारी अपने ताजा परिदृश्य में वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत का वृद्धि अनुमान 10 आधार अंक घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। वहीं यूबीएस सिक्योरिटीज ने वित्त वर्ष 2026 के लिए वृद्धि अनुमान बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले 6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।

ओईसीडी का अनुमान है कि बढ़ते व्यापार तनाव का खतरा, जिसमें भारतीय निर्यात पर अमेरिका द्वारा भारी शुल्क लगाना भी शामिल है, बाहरी मांग को कम कर सकता है और कपड़ा, रसायन और फार्मास्यूटिकल्स जैसे निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा सकता है।

दूसरी ओर यूबीएस को भारत के खिलाफ शुल्क दरों में ‘महत्त्वपूर्ण’ वृद्धि की उम्मीद नहीं है और उसे उम्मीद है कि अमेरिका-भारत व्यापार समझौता जल्द ही मूर्त रूप ले लेगा।

हालांकि यूबीएस  और ओईसीडी दोनों को ही उम्मीद है कि निजी खपत धीरे-धीरे बढ़ेगी और इसका आधार व्यापक होगा। महंगाई दर घटने, हाल की कर कटौती और मजबूत होते श्रम बाजार से लोगों की वास्तविक आय बढ़ेगी और इससे निजी खपत को समर्थन मिलेगा।

ओईसीडी ने कहा है, ‘महंगाई कम होने, हाल की कर कटौती और श्रम बाजार बेहतर होने के कारण वास्तविक आमदनी बढ़ने से निजी खपत धीरे धीरे मजबूत होगी। ब्याज घटने और सार्वजनिक व्यय उल्लेखनीय रूप से बढ़ने से निवेशक को बल मिलेगा, लेकिन उच्च अमेरिकी शुल्क का निर्यात पर असर पड़ेगा।’

इसके अलावा ओईसीडी ने वित्त वर्ष 2027 के लिए भी भारत का वृद्धि अनुमान 20 आधार अंक घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है।

 यूबीएस ने एक नोट में कहा है, ‘घरेलू मांग उम्मीद से बेहतर रहने, चीन से आयात पर शुल्क में कमी, अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते के जल्द ही साकार होने की उम्मीद और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार कमी के साथ-साथ ग्रामीण उपभोग में तेजी (अनुकूल मॉनसून और खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी की उम्मीद) और नीतिगत प्रोत्साहन (आयकर में राहत), महंगाई दर में नरमी (विवेकाधीन खर्च को समर्थन) और ब्याज दरों में कटौती के कारण शहरी मांग में सुधार में सुधार होने से घरेलू उपभोग में वृद्धि होगी।’

 विकसित देशों के 38 सदस्यों वाले समूह ने कम अनुकूल मॉनसून के प्रति भी आगाह किया है, जिससे कृषि उत्पादन और ग्रामीण आय में कमी आएगी।  इससे खाद्य कीमतों में वृद्धि होगी और जीडीपी पर असर पड़ेगा। इसे केंद्रीय बैंक से 25 आधार अंकों की एक और कटौती की भी उम्मीद है, जो पहले ही 50 आधार अंकों की कटौती कर चुका है।

समूह ने कहा है, ‘व्यापारिक तनाव से भी व्यापार किए जा सकने वाले क्षेत्र में निजी निवेश हतोत्साहित हो सकता है। उम्मीद से ज्यादा धनप्रेषण और निवेश की आवक, बुनियादी ढांचा परियोजनाएं तेजी से लागू किए जाने से वृद्धि मौजूदा अनुमान से अधिक हो सकती है।’

यूबीएस सिक्योरिटीज ने भी उम्मीद जताई है कि भारत की वृद्धि की गति को समर्थन देने के लिए मौद्रिक नीति अपना महत्त्वपूर्ण योगदान जारी रखेगी। इसने कहा है, ‘कम महंगाई दर को देखते हुए हम उम्मीद कर रहे हैं कि रिजर्व बैंक इस चक्र में दरों में 50 से 75 आधार अंक की अतिरिक्त कटौती करेगा।’

बहरहाल ओईसीडी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की धूमिल तस्वीर पेश की है। एजेंसी ने 2025 और 2026 में वैश्विक वृद्धि घटकर क्रमशः 3.3 प्रतिशत और 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। उसने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की शुल्क नीतियों के कारण बढ़ते व्यापार युद्ध का वैश्विक वृद्धि पर विपरीत असर पड़ेगा।

First Published : June 3, 2025 | 10:09 PM IST