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AI-फर्स्ट स्टार्टअप्स ने दी भारत के 264 अरब डॉलर के IT सेक्टर को चुनौती

हर बड़ी कंपनी अब AI अपनाने के दबाव में है। वे इसे सिर्फ प्रयोग के लिए नहीं, बल्कि राजस्व और लाभ बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करना चाहती हैं।

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पीरज़ादा अबरार   
Last Updated- October 28, 2025 | 11:50 AM IST

भारत का आईटी सर्विस सेक्टर एक नए बदलाव से गुजर रहा है। अब इस सेक्टर में AI-फर्स्ट (Artificial Intelligence-native) स्टार्टअप्स तेजी से TCS, Infosys, Wipro जैसी पारंपरिक दिग्गज आईटी कंपनियों को चुनौती दे रहे हैं। एआई फर्स्ट स्टार्टअप्स का मतलब ऐसी कंपनियों से है, जिनका पूरा ढांचा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर आधारित है। भारतीय आईटी सर्विस सेक्टर की सालाना वैल्यू करीब 264 अरब डॉलर है।

AI से बदल रहा है IT सर्विस सेक्टर का चेहरा

वेंचर कैपिटल फर्म बेसेमर वेंचर पार्टनर्स की रिपोर्ट “AI सर्विसेज रोडमैन: रीइन्वेंटिंग आईटी सर्विसेज इन द ऐज ऑफ एआई” के अनुसार, लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLMs) और AI-आधारित टूल्स पारंपरिक, मैनपावर-आधारित आउटसोर्सिंग मॉडल को तेजी से बदल रहे हैं।

बेसेमर के पार्टनर और COO नितिन कैमल ने बताया कि हर बड़ी कंपनी अब AI अपनाने के दबाव में है। वे इसे सिर्फ प्रयोग के लिए नहीं, बल्कि राजस्व और लाभ बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करना चाहती हैं। यही वजह है कि अब नए AI-केंद्रित कंपनियां बाजार में जगह बना रहे हैं।

AI-फर्स्ट बनाम पारंपरिक IT मॉडल

पहले भारत के IT दिग्गज तीन पिलर पर ​स्किल्ड मैनपावर, कम लागत (cost arbitrage), और ‘Follow-the-sun’ डिलीवरी मॉडल, जिससे 24 घंटे सेवा संभव होती थी, पर टिकी है। लेकिन अब AI के दौर में इन मॉडलों पर सवाल उठ रहे हैं।

भारत की अधिकांश IT कंपनियां अब भी 2% से कम रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) निवेश करती हैं, जबकि वैश्विक प्रोडक्ट कंपनियां 20% से अधिक खर्च करती हैं। इससे इनकी ग्रोथ मानव संसाधन पर निर्भर है, न कि उत्पादकता पर।

AI-फर्स्ट कंपनियां बदल रही हैं खेल

AI-केंद्रित स्टार्टअप्स जैसे Graph AI, Leena AI, Crescendo, Shopdeck, Scale, और Turing अब दिखा रही हैं कि कम लागत, बेहतर गति और हाई क्वॉलिटी के साथ भी काम मुमकिन है।

ग्रॉफ एआई ने एक दवा निगरानी प्रोजेक्ट, जिसे पारंपरिक विक्रेता 18 महीनों में पूरा नहीं कर पाए, सिर्फ 8 हफ्तों में पूरा कर दिया। AI से जुड़ी सर्विसेज अब ‘ह्यूमन इन द टॉप लूप’ मॉडल के जरिए मानवीय निगरानी और ऑटोमेशन का संतुलन बना रही हैं। AI सर्विसेज कंपनियां अब डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर और मॉडल ऑपरेशन सपोर्ट दे रही हैं, जिससे नई AI सॉल्यूशंस तेजी से पैदा हुई हैं।

वैश्विक स्तर पर मुकाबला और अवसर

इन भारतीय AI कंपनियों का मुकाबला अब सिर्फ घरेलू दिग्गजों से नहीं बल्कि सिलिकॉन वैली के ग्लोबल AI स्टार्टअप्स से भी है। कैमल ने कहा कि अगर आप AI में काम कर रहे हैं, तो आपको सिर्फ भारत में नहीं, दुनिया में सर्वश्रेष्ठ होना होगा।

2030 तक $400 अरब का अनुमान

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का IT सेवा क्षेत्र 2030 तक 400 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। हालांकि, शॉर्ट टर्म में AI सर्विसेज की कीमतें घट सकती हैं, लेकिन AI-आधारित आउटसोर्सिंग की मांग तेजी से बढ़ेगी, जिससे AI-फर्स्ट स्टार्टअप्स को सबसे बड़ा फायदा मिलेगा।

First Published : October 28, 2025 | 11:50 AM IST