वित्त वर्ष 2023-24 के पहले 4 महीनों (अप्रैल-जुलाई) के दौरान भारत के शीर्ष 10 निर्यात केंद्रों में सिर्फ ब्रिटेन को किया जाने वाला वाणिज्यिक निर्यात बढ़ा है। वैश्विक मांग कम होने की वजह से अन्य सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में निर्यात कम हुआ है।
कुल मिलाकर अप्रैल-जुलाई के दौरान वाणिज्यिक निर्यात में 14.5 प्रतिशत की कमी आई है। लगातार छठे महीने वाणिज्यिक निर्यात कम हुआ है। बहरहाल ब्रिटेन को होने वाले निर्यात में 20.6 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई है और इस अवधि के दौरान यह बढ़कर 4.5 अरब डॉलर हो गया है।
इसकी वजह से वित्त वर्ष 23 की इस अवधि में ब्रिटेन आठवें बड़े निर्यात केंद्र से ऊपर पहुंचकर भारत का पांचवां सबसे बड़ा निर्यात केंद्र बन गया है। जुलाई के लिए अलग अलग देशों के आंकड़े उपलब्ध नहीं है, लेकिन अप्रैल-जून के आंकड़ों से पता चलता है कि विमान ईंधन (32.4 करोड़ डॉलर), स्मार्ट फोन (29.25 करोड़ डॉलर) और वाल पेपर (14.72 करोड़ डॉलर) के निर्यात ने भारत से ब्रिटेन को होने वाला निर्यात बढ़ाया है।
अन्य शीर्ष निर्यात केंद्रों में अमेरिका को होने वाला निर्यात 12.5 प्रतिशत घटा है। चीन को निर्यात 14.9 प्रतिशत, सिंगापुर को निर्यात 13 प्रतिशत और बांग्लादेश को होने वाला निर्यात 36.5 प्रतिशत कम हुआ है, जो दो अंकों का संकुचन है।
अगर हम भारत के आयात की बात करें तो रूस से आयात में 96.3 प्रतिशत और स्विटजरलैंड से आयात में 15.8 प्रतिशत बढ़ोतरी के अलावा अन्य देशों से होने वाला आयात कम हुआ है। रूस से छूट पर मिल रहे तेल के आयात में 171 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसकी वजह से रूस से होने वाला आयात अप्रैल जून के दौरान बढ़ा है। वहीं स्विटजरलैंड से इस अवधि के दौरान सोने के आयात में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
भारत और ब्रिटेन इस समय मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बात कर रहे हैं। प्रस्तावित एफटीए के 26 अध्यायों में से 19 पर बातचीत पूरी हो चुकी है। भारत को उम्मीद है कि शेष मसले भी इस महीने के अंत तक हल हो जाएंगे, जिनमें ओरिजिन के नियम, द्विपक्षीय निवेश संधि और बौद्धिक संपदा अधिकार सहित अन्य मसले शामिल हैं।
अगले सप्ताह ब्रिटेन के प्रमुख अधिकारी जयपुर में होने जा रहे ट्रेड ऐंड इन्वेस्टमेंट वर्किंग ग्रुप (टीआईडब्ल्यूजी) में हिस्सा लेने आ रहे हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले महीने लंदन का दौरा किया था और ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री केमी बैडेनोच से बात की थी, जिसमें कुछ अध्यायों पर बातचीत पूरी हुई थी।
वाणिज्य विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक मंत्रियों ने कुछ कम अहम मसलों पर ध्यान केंद्रित कर बातचीत पूरी करने पर जोर दिया, जिसमें कुछ अध्यायों पर बातचीत पूरा करना शामिल है। यह वार्ताकारों के बीच चुनौतियों को हल करने व मसलों के समाधान का परंपरागत तरीका है।
भारत यूरोपीय मुक्त व्यापार एसोसिएशन (ईएफटीए) देशों के साथ व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) पर भी बातचीत कर रहा है, जिसमें आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, और स्विटजरलैंड शामिल हैं।