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गुणवत्ता सुधारें रेटिंग एजेंसियां: रिजर्व बैंक

Last Updated- December 06, 2022 | 12:42 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक नीति में कहा कि बैंकों को अपने लेखा मानकों के डिस्क्लोजर के लिए भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान (आईसीएआई) द्वारा जारी लेखा नीतियों को आवश्यक तौर पर शामिल करना होगा।


क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के महत्व को स्वीकारते हुए रिजर्व बैंक ने इन एजेंसियों से कहा कि वे अपनी रेटिंग प्रक्रिया की गुणवत्ता को विकसित करे और रेटिंग की संरचना में आने वाले उत्पादों की आईओएससीओ कोड ऑफ कंडक्ट की समीक्षा को क्रियान्वित करें। रिजर्व बैंक ने कहा कि इन रेटिंग एजेंसियों को बॉन्डों के संरचित उत्पादों की अलग से रेटिंग करनी चाहिए और इसमें दी जाने वाली सूचनाओं का विस्तार करना चाहिए।


रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा कि वे रिस्क वेटेज देने वाली रेटिंग एजेंसी के नामों का भी उल्लेख करें और इसकी मैपिंग प्रक्रिया में रिस्क वेटेड परिसंपत्तियों और रेटिंग एजेंसियों का नाम अवश्य दें। रिजर्व बैंक ने रेटिंग एजेंसियों की अर्हता के लिए एक प्रारूप तैयार किया है जो बैंकों की परिसंपत्तियों को रिस्क वेटेज प्रदान करता है।

First Published - April 29, 2008 | 11:13 PM IST

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