शिप ट्रैकिंग के आंकड़ों से पता चलता है कि रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए अमेरिका द्वारा भारत पर जुर्माना लगाने और यूरोपीय संघ (EU) के ताजा प्रतिबंधों के बावजूद अगस्त की तुलना में सितंबर में रूस से अधिक कच्चा तेल भारत में आने वाला है।
वैश्विक शिपिंग डेटा और एनॉलिटिक्स प्रदाता केप्लर के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने 24 सितंबर तक रूस से 16.3 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया है। अगस्त में यह 17.1 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) था। सितंबर के अंत तक भारत का रूसी तेल आयात लगभग 2,00,000 बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) बढ़ने की उम्मीद है।
केप्लर में रिफाइनिंग और मॉडलिंग के वरिष्ठ शोध विश्लेषक निखिल दुबे ने कहा, ‘24 सितंबर तक रूस से भारत का कच्चे तेल का आयात औसतन लगभग 1,623 हजार बैरल प्रतिदिन रहा है, जो कुल आवक का लगभग एक तिहाई है। इसके अगस्त के स्तर (1715 हजार बैरल प्रतिदिन) से अधिक होने की उम्मीद है, क्योंकि शिप ट्रैकिंग डेटा से संकेत मिलता है कि महीने के अंत से पहले रूसी बैरल का अतिरिक्त 180 से 200 हजार बैरल प्रतिदिन आने वाला है।’
दुबे ने आगे कहा कि सितंबर में मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा संचालित भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की बीना रिफाइनरी में फिर से आयात शुरू हुआ है, जो रूसी तेल का प्रमुख आयातक है। इससे आयात के आंकड़ों में वृद्धि हुई है। अगस्त की शुरुआत में एक महीने के लिए इस संयंत्र में रूस से आयात बंद कर दिया गया था।
रिफाइनर ने रूसी तेल पर सीधे प्रतिबंध न होने और भारत सरकार की ओर से आयात रोकने का कोई निर्देश न आने की स्थिति में मास्को से कच्चे तेल की खरीद जारी रखी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया था, जो 27 अगस्त से लागू है। इससे भारत पर कुल अमेरिकी शुल्क दोगुना होकर 50 प्रतिशत हो गया।
यूरोपीय संघ (ईयू) ने 18 जुलाई को रूसी तेल पर मूल्य सीमा 60 डॉलर प्रति बैरल (बीबीएल) से घटाकर 47.6 डॉलर प्रति बैरल कर दी, जबकि गुजरात में रोसनेफ्ट समर्थित नायरा रिफाइनरी पर सीधे प्रतिबंध लगा दिए थे।
सरकार द्वारा संचालित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन सहित भारतीय तेल रिफाइनरों ने रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने की पुष्टि की है। रूसी कच्चे तेल का आयात करने वाले प्रमुख निजी रिफाइनर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और नायरा एनर्जी हैं।
बहरहाल केप्लर के आंकड़ों से पता चला है कि सितंबर में सऊदी अरब और इराक सहित पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं से भारत का कच्चे तेल का आयात क्रमशः 6,05,000 बीपीडी और 7,86,000 बीपीडी के मजबूत स्तर पर बना हुआ है। अगस्त में सऊदी अरब और इराक से भारत का तेल आयात क्रमशः 6,34,000 बीपीडी और 7,30,000 बीपीडी रहा। भू-राजनीतिक झटकों से बचने की कोशिश में भारत सरकार कच्चे तेल के आयात में विविधता लाने की कवायद कर रही है।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत को कच्चे तेल का आयात सितंबर में बढ़कर 5,32,000 बीपीडी हो गया है, जो जनवरी 2025 के 4,44,000 से काफी अधिक है। अगस्त में संयुक्त अरब अमीरात से भारत का कच्चे तेल का आयात 6,15,000 बीपीडी रहा। इस बीच 23 सितंबर तक अमेरिका से भारत का तेल आयात 2,20,000 बीपीडी है।
भारत कच्चे तेल का शुद्ध आयातक है, जो अपनी घरेलू आवश्यकताओं के 85 प्रतिशत से अधिक के लिए आयात पर निर्भर है। शेष लगभग 25 प्रतिशत मांग घरेलू उत्पादन से पूरी होती है।