महंगे बुटीक और लजीज खानपान के लिए मशहूर दिल्ली के खान मार्केट में इन दिनों जी-20 शिखर सम्मेलन शिरकत करने के लिए आने वाले विदेशी मेहमानों के लिए खास तैयारी जोरों पर थी। स्थानीय व्यापारियों के संगठन ने आगंतुक प्रतिनिधियों का स्वागत उन स्मृति चिह्नों के साथ करने की योजना बनाई थी जिन पर भारतीय शिल्प कौशल एवं आतिथ्य सेवा को प्रदर्शित किया गया है।
मगर अब उनकी योजना खटाई में पड़ गई है क्योंकि खान मार्केट सहित मध्य दिल्ली के कई अन्य प्रमुख बाजारों को अस्थायी तौर पर अपने दरवाजे बंद करने पड़ेंगे। इसका कारण है कि नई दिल्ली में 9 से 10 सितंबर तक जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है।
इस वैश्विक आयोजन के लिए शहर पूरी तरह तैयार है। जी-20 देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए शहर को सजाने के साथ-साथ चारों ओर होर्डिंग लगाए गए हैं और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
चाक-चौबंद सुरक्षा और पुख्ता इंतजाम
आगंतुकों के लिए चाक-चौबंद सुरक्षा एवं आवाजाही के लिए बेहतर सुविधा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने खास तौर पर दिल्ली के मध्यवर्ती इलाकों में कई प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें शिखर सम्मेलन का आयोजन स्थल प्रगति मैदान के भारत मंडपम और उन होटलों के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं जहां विदेशी मेहमानों के रुकने की व्यवस्था की गई है। हालांकि मेडिकल एवं किराना स्टोर, दूध और फल-सब्जियों की दुकानें खुली रहेंगी।
सुरक्षा इंतजाम के कारण व्यापारिक गतिविधियों पर प्रभाव बिल्कुल स्पष्ट है। आवश्यक सेवाओं का परिचालन बरकरार रखा गया है, लेकिन कनॉट प्लेस, जनपथ, पुरानी दिल्ली के कुछ हिस्सों और खान मार्केट जैसे प्रमुख बाजार बंद होने से स्थानीय कारोबार पर असर पड़ने की आशंका है। सप्ताहांत पर कारोबार के नुकसान की आशंका और विदेशी प्रतिनिधियों के सामने भारत की खुदरा ताकत दिखाने का मौका चूक जाने पर अफसोस के बावजूद व्यापारियों का कहना है कि उन्हें सुरक्षा के महत्त्व का एहसास है।
खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने कहा, ‘हमें नियमित तौर पर आने वाले लोगों को होने वाली असुविधा के लिए खेद है। इनमें कई राजनयिक और प्रवासी भी शामिल हैं। यह आने वाले गणमान्य व्यक्तियों के समक्ष हमारे उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता था, लेकिन हमें पता है कि सुरक्षा सबसे महत्त्वपूर्ण है।’ मेहरा ने कहा, ‘खान मार्केट में मौजूद रेस्तराओं में सप्ताहांत के दौरान आमतौर पर 9 से 10 करोड़ रुपये का कारोबार होता है।’ इस बार कोई कारोबार नहीं होगा क्योंकि बाजार 7 सितंबर की रात को ही बंद हो जाएगा और 11 सितंबर को खुलेगा।
दिल्ली के मध्य में स्थित कनॉट प्लेस बड़ी तादाद में खरीदारों को आकर्षित करता रहा है। वहां की जॉर्जियाई शैली में बनी इमारतों के सफेद खंभों का रंग-रोगन नए सिरे से किया गया है। इससे पता चलता है कि शहर वैश्विक मंच पर चमकने के लिए तैयार है। एक विक्रेता महेश लाल ने कहा कि नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाके आमतौर पर काफी साफ-सुथरा दिखते हैं, मगर पिछले दो हफ्तों से पौधों को पानी देने और बाजार की दीवारों पर ताजा चित्रकारी करने जैसी गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं।
कुछ इलाकों में पुरानी बेंचों को हटाकर पत्थर की नई बेंचें लगाई गई हैं। नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि एनडीएमसी ने बाजार में पेंटिंग, साफ-सफाई और मरम्मत कार्यों पर करीब 3.5 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
व्यापारी परेशान मगर उत्साह बरकरार
बाजारों को अस्थायी तौर पर बंद कराए जाने के बावजूद इन इलाकों में मौजूद खुदरा विक्रेता जी-20 आयोजन को लेकर काफी उत्साहित हैं। कनॉट प्लेस में लॉर्ड ऑफ द ड्रिंक्स रेस्टो-बार के प्रबंधक देश में हो रहे इतने बड़े आयोजन को लेकर
काफी उत्साहित दिखते हैं, मगर यह भी स्वीकार करते हैं कि इसके लिए एक सप्ताहांत के कारोबार की कीमत चुकानी पड़ेगी। भार्गव के अनुसार, व्यापारियों को 300 से 400 करोड़ रुपये का नुकसान होगा क्योंकि बाजार 8 सितंबर से 10 सितंबर तक बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ प्रतिबंध बुधवार रात (7 सितंबर) से ही प्रभावी हो जाएंगे।
इस संगठन में रीगल बिल्डिंग, रिवोली बिल्डिंग, सिंधिया हाउस और पुराने जनपथ बाजार के साथ-साथ कनॉट प्लेस के आंतरिक और बाहरी सर्कल के 14 ब्लॉकों के व्यापारी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें काफी उम्मीद थी क्योंकि इस इलाके में रंग-रोगन एवं मरम्मती कार्य जोरों पर था। मगर दुर्भाग्य से कनॉट प्लेस इस सप्ताहांत वीरान रहेगा जहां केवल इमारतें ही जगमगाती दिखेंगी।’ उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि सुरक्षा सबसे महत्त्वपूर्ण है।
पास के जनपथ बाजार में बुधवार दोपहर को भी सुरक्षा बलों की जबरदस्त तैनाती दिख रही थी। बाजारों में खरीदारों की खूब आवाजाही दिख रही थी और वे लंबे सप्ताहांत से पहले अपने समय का अधिक से अधिक फायदा उठाना चाहते थे। कुछ ही किलोमीटर दूर पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक की भीड़भाड़ वाली गलियों में लखनवी चिकनकारी सूट बेचने वाले मित्तल एम्पोरियम के मालिक अजय कुमार मित्तल काफी उत्साहित दिखे।
उन्होंने जी-20 आयोजन के कारण कारोबारी गतिविधियों पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को स्वीकार किया लेकिन भारत की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम के लिए खुशी भी जताई। मित्तल ने कहा कि इस सप्ताहांत खरीदारों की गैरमौजूदगी में कारोबार को 10 से 20 फीसदी का झटका लग सकता है। जेएलएल की एक रिपोर्ट के अनुसार, चांदनी चौक में रोजाना 4 से 6 लाख लोग यानी हर महीने 1.2 से 1.8 करोड़ लोग आते हैं।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, ‘यह व्यापारी समुदाय के लिए एक बड़ा अवसर था, लेकिन इससे देश की गरिमा जुड़ी हुई है। यही कारण है कि व्यापारियों ने सरकार के साथ सहयोग करने का निर्णय लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘मगर हमें उम्मीद है कि प्रतिनिधियों को भारतीय उत्पादों को देखने का मौका मिलेगा और वे अपने दूतावासों के जरिये भारतीय खुदरा बाजार की गतिविधियों का जायजा ले सकेंगे। इससे व्यापारियों और निर्यातकों के लिए अवसर पैदा हो सकता है।’