रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को कहा कि राजकोषीय अधिशेष और वित्त वर्ष 2025 के नॉमिनल जीडीपी के आंकड़ों में ऊपर की ओर संशोधन को देखते हुए कुल व्यय में 0.8 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि करने की सरकार के पास गुंजाइश है। एजेंसी ने कहा कि यह वित्त वर्ष 2026 के लिए घाटे और ऋण जीडीपी अनुपात के हिसाब से बेहतर स्थिति है।
एजेंसी ने कहा, ‘अगर यह पूरी राशि (0.8 लाख करोड़ रुपये) अतिरिक्त पूंजीगत व्यय के लिए इस्तेमाल की जाती है, तो यह प्रमुख आंकड़े को लगभग 12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा देगी और पूंजीगत व्यय में वृद्धि मौजूदा 6.6 प्रतिशत से बढ़कर 14.2 प्रतिशत तक हो जाएगी।’
लेखा महानियंत्रक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2025 के लिए सालाना आधार पर पूंजीगत व्यय में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 1.6 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह वित्त वर्ष 2026 के बजट अनुमान का 14.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025 के अनंतिम अनुमानों का 9.4 प्रतिशत था।
इक्रा ने कहा कि यह वित्त वर्ष के लिए आवश्यक औसत मासिक व्यय की दर 0.9 लाख करोड़ रुपये से काफी ऊपर था।