स्वास्थ्य क्षेत्र की ऋण गारंटी बढ़ी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:49 PM IST

केंद्र सरकार हेल्थकेयर और मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए ऋण गारंटी योजना जून 2022 तक  बढ़ाएगी। उद्योग जगत से कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए ऋण गारंटी योजना (एलजीएससीएएस) का जल्द से जल्द लाभ उठाने का अनुरोध करते हुए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि इस योजना की अवधि 3 महीने और बढ़ाकर जून 2022 तक की जाएगी।
एलजीएससीएएस के तहत शहरी या ग्रामीण इलाकों में संयंत्र स्थापित करने पर 100 करोड़ रुपये तक जारी कर्ज पर नई परियोजनाओं पर 50 प्रतिशत और पुरानी परियोजनाओं पर 75 प्रतिशत ऋण गारंटी दी जा रही है। आकांक्षी जिलों में पुरानी परियोजनाओं के विस्तार व नई परियोजनाओं दोनों पर गारंटी कवर 75 प्रतिशत है। इस कर्ज को 3 साल तक का विस्तार दिया जाएगा और योजना के तहत ब्याज दर 7.95 प्रतिशत तक सीमित है। यह योजना सभी पात्र ऋण पर लागू होगी, जो निर्धारित तिथि तक या 50,000 करोड़ रुपये कर्ज दिए जाने तक चलेगी, जो पहले हो।
गुवाहाटी में व्यापार व उद्योग से जुड़े लोगों से बातचीत के दौरान सोमनाथन ने हिस्सेदारों से अनुरोध किया कि वे इस योजना का लाभ उठाएं क्योंकि इसकी समय सीमा निर्धारित है। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल इसके लिए वक्त जून 2022 तक बढ़ाया जाएगा। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं आप अपने सर्वे में तेजी लाएं कि पूर्वोत्तर के किस जिले या जगह पर आप संयंत्र लगाना चाहते हैं, जहां मझोले शहरों व अन्य कस्बों में संयंत्र स्थापित करने को लेकर निजी क्षेत्र की रुचि है। साथ ही बैंकों को आवेदन करने में तेजी लाएं और 30 जून की संशोधित तिथि के पहले यह काम पूरा कर लें।’
उन्होंने कहा कि इस तरह के कर्ज की पेशकश बहुत कम ब्याज दर पर की जाती है और बैंक भी भारतीय रिजर्व बैंक से इन कर्जों के लिए छूट पर पुनर्वितपोषण की सुविधा पाते हैं। सोमनाथन ने कहा कि सरकार जिलों में बेड की क्षमता बढ़ाने के लिए भी विशेष कवायद कर रही है। मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य देखभाल केंद्र खोले जा रहे हैं और साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का विस्तार किया जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार कर लगाने के बाद क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल मुद्रा के रूप में मान्यता देगी, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को अल सल्वाडोर को छोड़कर विश्व में कहीं भी मुद्रा के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। इस सिलसिले में सरकार व्यापक परामर्श कर रही है। बहरहाल वित्त वर्ष 2022-23 में रिजर्व बैंक डिजिटल रुपये को प्रचलन में लाएगा, जो अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा। सेठ ने कहा, ‘इस तरह अभी हम डिजिटल रुपये के बारे में विचार कर सकते हैं, जो भुगतान व्यवस्था सहित हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर होगा।’

First Published : March 10, 2022 | 11:12 PM IST