वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह फरवरी महीने में 1.33 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल फरवरी की तुलना में 18 प्रतिशत ज्यादा है।
यह पांचवां महीना है जब जीएसटी संग्रह 1.3 लाख करोड़ रुपये के पार रहा है और ऐसा वित्त वर्ष 22 में हुआ है। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि वित्त वर्ष 23 में औसत जीएसटी संग्रह करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये प्रतिमाह रहने की संभावना है।
फरवरी में संग्रह जनवरी की आर्थिक गतिविधियों को दिखाता है। मंत्रालय ने कहा कि जनवरी में ओमीक्रोन के कारण कई इलाकों में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाया गया था और इसकी वजह से सकल बिक्री कर संग्रह जनवरी के रिकॉर्ड 1.4 लाख करोड़ रुपये से नीचे था। विश्लेषकों को भरोसा है कि जीएसटी संग्रह इस साल बजट लक्ष्य के पार चला जाएगा।
डेलॉयट इंडिया में पार्टनर एमएस मणि ने कहा, ‘जनवरी 22 में महामारी की स्थिति की चुनौतियों के बावजूद जीएसटी संग्रह 1.33 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचना संकेत देता है कि संग्रह अब स्थिर हो रहा है और वित्त वर्ष 22 का संग्रह बजट अनुमान के पार चला जाएगा। कुल मिलाकर देखें तो संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 18 प्रतिशत ज्यादा है, वहीं राज्यवार संग्रह में बढ़ोतरी में बहुत ज्यादा अंतर दिखता है और यह वृद्धि बड़े राज्यों में 2 से 22 प्रतिशत तक है।’
इक्रा में अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘फरवरी 2022 में जीएसटी संग्रह में तेजी बनी रही क्योंकि कोविड की तीसरी लहर का औद्योगिक गतिविधियों पर सीमित असर रहा है और जीएसटी ईवे बिल सृजन जनवरी 2022 में अप्रभावित रहा। फरवरी 2022 में ईवे बिल सृजन में तेज बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि चालू महीने में जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी होगी। कुल मिलाकर सीजीएसटी राजस्व केंद्र सरकार के वित्त वर्ष 22 के संशोधित अनुमान को पार कर सकता है और प्रत्यक्ष कर में अनुमानित तेजी के कारण यह 0.3 लाख करोड़ रुपये ज्यादा हो सकता है।’
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘फरवरी 2022 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,33,026 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें से सीजीएसटी 24,435 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 30,779 करोड़ रुपये और आईजीएसटी 67,471 करोड़ रुपये व उपकर 10,340 करोड़ रुपये है।’
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि फरवरी 2022 में संग्रह फरवरी 2020 की तुलना में 26 प्रतिशत ज्यादा है, जो कोरोना के कारण हुई देशबंदी के ठीक पहले का आंकड़ा है।
इसमें कहा गया है, ‘माह के दौरान पिछले साल के समान महीने की तुलना में वस्तुओं के आयात से राजस्व 38 प्रतिशत ज्यादा और घरेलू लेनदेन, जिसमें सेवाओं का आयात शामिल है, से राजस्व 12 प्रतिशत ज्यादा रहा है।’
मंत्रालय ने कहा कि पहली बार जीएसटी उपकर संग्रह 10,000 करोड़ रुपये के आंकड़े के पार गया है, जिससे कुछ प्रमुख क्षेत्रों, खासकर ऑटोमोबाइल बिक्री में रिकवरी के संकेत मिलते हैं।
