वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने सहायक कंपनियों के शेयरों पर होल्डिंग कंपनियों पर कर के विवादित मुद्दे का हल कर दिया है। जीएसटी परिषद ने मंगलवार की बैठक में स्पष्ट किया कि ऐसे शेयर सेवा की आपूर्ति के दायरे में नहीं आते हैं। लिहाजा इन पर जीएसटी के तहत कर नहीं लगाया जा सकता है।
एएमआरजी ऐंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने बताया, ‘इस स्पष्टीकरण से भारत में कार्यरत कई दिग्गज कंपनियों को व्यर्थ की मुकदमेबाजी से छुटकारा मिलेगा। भारत में कर अधिकारियों ने ऐसे लेन-देन पर नोटिस जारी करने शुरू कर दिए हैं।’
जीएसटी अधिकारियों ने सहायक कंपनियों की शेयर पूंजी पर 18 फीसदी कर के नोटिस जारी किए। इनमें भारत की सहायक कंपनियों के शेयर रखने वाली विदेशी कंपनियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं। भारत की होल्डिंग कंपनियों पर कर लगाया गया था जबकि विदेशी होल्डिंग कंपनियों की भारतीय सहायक कंपनियों से कर की मांग की गई थी। कारोबार में सहायक कंपनियों के शेयर रखने का समझौता करना आम है।
भारत में निवेश करने वाली कंपनियां इस समझौते का आमतौर पर प्रयोग करती हैं। इसके तहत विदेशी कंपनियां कंपनियों के शेयर में निवेश करती हैं और विदेशी कंपनियां करीबी नजर रखती हैं। जीएसटी के सेवाओं के वर्गीकरण की योजना के तहत सर्विस कोड 997171 के आधार पर कर की मांग की गई थी। यह कोड सहायक कंपनियों में इक्विटी होल्डिंग की सेवा से संबंधित है।
इसका परिणाम यह होता कि भारत की होल्डिंग कंपनियों को देश या विदेश में सहायक कंपनियों सहित सभी सहायक कंपनियों के लाभ के हिस्से पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी अदा करना पड़ता। विदेशी होल्डिंग कंपनी को भारतीय सहायक कंपनी होने की स्थिति में पूरे लाभ पर 18 फीसदी जीएसटी अदा करना पड़ सकता जिसे उसे इक्विटी शेयर धारकों को आवंटित किया जा सकता हो चाहे वह लाभ भारत में अर्जित किया हो या नहीं।