अर्थव्यवस्था

GST Collection April 2024: जीएसटी पहली बार 2 लाख करोड़ के पार, विशेषज्ञों को टैक्स सिस्टम में सुधार की उम्मीद

आयात से होने वाला राजस्व संग्रह इस दौरान पिछले साल अप्रैल की तुलना में 8.3 फीसदी बढ़ा है, जबकि देसी गतिवि​धियों से कर संग्रह में 13.4 फीसदी का इजाफा हुआ है।

Published by
इंदिवजल धस्माना   
Last Updated- May 01, 2024 | 9:50 PM IST

चालू वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल में सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। पिछले साल अप्रैल की तुलना में इस बार जीएसटी 12.4 फीसदी बढ़कर 2.1 लाख करोड़ रुपये रहा। इससे बाह्य चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2024-25 में देश में आ​र्थिक वृद्धि के अच्छे संकेत मिलते हैं।

कर प्रा​प्तियों में बढ़ोतरी मुख्य रूप से देसी गतिवि​धियों की बदौलत आई है। आयात से होने वाला राजस्व संग्रह इस दौरान पिछले साल अप्रैल की तुलना में 8.3 फीसदी बढ़ा है, जबकि देसी गतिवि​धियों से कर संग्रह में 13.4 फीसदी का इजाफा हुआ है। मगर एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) से मिली रकम 2 फीसदी घटकर 37,826 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल अप्रैल में 38,593 करोड़ रुपये थी।

इसी तरह मार्च 2024 में आयात उपकर से सरकार को 1,008 करोड़ रुपये मिले, जो पिछले साल मार्च के 984 करोड़ रुपये से 2.4 फीसदी अ​धिक है। इस साल अप्रैल में शुद्ध जीएसटी संग्रह (रिफंड के बाद) 17.1 फीसदी बढ़कर 1.92 लाख करोड़ रुपये रहा। शुद्ध जीएसटी राजस्व के केवल फरवरी और मार्च के आंकड़े हैं और दोनों महीनों में अप्रैल की तुलना में काफी कम कर राजस्व मिला था।

आम तौर पर किसी भी वित्त वर्ष के अप्रैल महीने में सरकार को सबसे ज्यादा जीएसटी मिलता है। इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि इस वित्त वर्ष के बाकी महीनों में कितनी बार सकल जीएसटी राजस्व 2 लाख करोड़ से अधिक रहता है।

अप्रैल में केंद्रीय जीएसटी 27.8 फीसदी बढ़कर 94,153 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी संग्रह पिछले साल अप्रैल की तुलना में 25.9 फीसदी बढ़कर 95,138 करोड़ रुपये रहा। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप और अंडमान तथा सिक्किम, नगालैंड, मेघालय को छोड़ दें तो सभी राज्यों में इस साल अप्रैल में जीएसटी राजस्व साल भर पहले की तुलना में बढ़ा है।

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल में जीएसटी प्रा​प्तियों में वृद्धि मुख्य रूप से एयरकंडीशनर और फ्रिज जैसे कंज्यूमर उत्पादों की मांग बढ़ने और स्कूल एवं कॉलेजों में छुट्टियों के कारण सैर-सपाटा बढ़ने से हुई है।

नेक्सडाइम में वरिष्ठ निदेशक संजय छाबड़िया ने कहा, ‘एयर कंडीशनर, पेय पदार्थों जैसी खरीदारी और लंबी छुट्टियों के दौरान लोगों द्वारा ज्यादा यात्रा किए जाने से देसी लेनदेन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।’

हालांकि कई का कहना है कि जीएसटी अ​धिकारियों द्वारा किए गए प्रशासनिक उपायों के कारण जीएसटी संग्रह में इजाफा हुआ है।

ईवाई में टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा, ‘जीएसटी अधिकारियों द्वारा रिटर्न नहीं भरने वालों पर सख्ती और फर्जी चालान एवं पंजीकरण के ​खिलाफ कठोर उपाय करने से जीएसटी प्रा​प्तियां बढ़ी हैं।’

विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी राजस्व में तेज बढ़ोतरी से प्रेरणा पाकर सरकार कर व्यवस्था में सुधार कर सकती है।

डेलॉयट इंडिया में पार्टनर महेश जयसिंह ने कहा, ‘अप्रैल में जीएसटी संग्रह की वृद्धि दर 17.1 फीसदी रही जो पिछले वित्त वर्ष के दौरान वर्तमान मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 9.1 फीसदी वृद्धि से करीब दोगुनी रही है। इससे जीएसटी 2.0 के तहत सुधार पर विचार करने का मंच तैयार हो गया है।’

First Published : May 1, 2024 | 9:50 PM IST