विभिन्न तिमाहियों से विरोध का सामना कर रही केंद्र सरकार ने पशुधन एवं पशुधन उत्पाद (आयात और निर्यात) विधेयक, 2023 का मसौदा वापस ले लिया है। अगर यह पारित हो जाता तो जीवित पशुओं के निर्यात का मार्ग प्रशस्त होने की संभावना थी।
आधिकारिक आदेश में कहा गया है, ‘पशुधन आयात अधिनियम 1898 संविधान लागू होने और स्वतंत्रता के पहले केंद्रीय कानून था। इसे इस समय की जरूरतों और सैनिटरी व फाइटो सैनिटरी उपायों, मौजूदा परिस्थितियों व व्यापार नियम 1961 के मुताबिक बदलने की जरूरत महसूस की गई है।’
बहरहाल इसमें कहा गया है कि परामर्श के दौरान यह महसूस किया गया कि प्रस्तावित मसौदे को समझने, आगे और प्रतिक्रिया व सुझाव आमंत्रित करने के लिए ज्यादा वक्त की जरूरत है। आदेश में कहा गया है कि इस मसौदे को लेकर कई प्रतिनिधिमंडल ने चिंता जताई थी, जो पशुओं के कल्याण की संवेदनशीलता से जुड़े हुए थे, जिसे देखते हुए विधेयक पर व्यापक विमर्श की जरूरत महसूस की गई है।
आदेश में कहा गया है, ‘उपरोक्त विचारों को देखते हुए संबंधित प्राधिकारी की मंजूरी मिलने के बाद प्रस्तावित मसौदा विधायक वापस लिया गया है।’ पशुओं के संरक्षण पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं, जैन धर्म मानने वालों और दक्षिण पंथी संगठनों ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया था और विभिन्न वजहों से इसे वापस लेने की मांग की थी।