facebookmetapixel
BFSI Summit: भारत का वित्तीय क्षेत्र सबसे मजबूत स्थिति में, सरकार और आरबीआई ने दी जिम्मेदार वृद्धि की नसीहत2025 बनेगा भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ वर्ष, BFSI समिट में बोले विदेशी बैंकरBFSI Summit: अधिग्रहण के लिए धन मुहैया कराने में नए अवसर देख रहा है बैंकिंग उद्योगBSFI Summit: ‘एमएफआई के दबाव से जल्द बाहर निकल आएंगे स्मॉल फाइनैंस बैंक’BFSI Summit: दुनिया के शीर्ष 20 में से भारत को कम से कम 2 देसी बैंकों की जरूरतBFSI Summit: तकनीक पर सबसे ज्यादा खर्च करने वालों में शुमार है स्टेट बैंक- शेट्टीBFSI Summit: वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रहे तो मुझे आश्चर्य नहीं – सीईए अनंत नागेश्वरनBFSI Summit: बीएफएसआई की मजबूती के बीच MSMEs के लोन पर जोरBFSI Summit: कारगर रहा महंगाई का लक्ष्य तय करना, अहम बदलाव की जरूरत नहीं पड़ीBFSI Summit: बढ़ती मांग से कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार सुस्त

सरकार ने पशु निर्यात की अनुमति देने वाले मसौदा विधेयक को वापस लिया

आदेश में कहा गया है, ‘उपरोक्त विचारों को देखते हुए संबंधित प्राधिकारी की मंजूरी मिलने के बाद प्रस्तावित मसौदा विधायक वापस लिया गया है।

Last Updated- June 21, 2023 | 10:45 PM IST
Universal Cattle Insurance Scheme

विभिन्न तिमाहियों से विरोध का सामना कर रही केंद्र सरकार ने पशुधन एवं पशुधन उत्पाद (आयात और निर्यात) विधेयक, 2023 का मसौदा वापस ले लिया है। अगर यह पारित हो जाता तो जीवित पशुओं के निर्यात का मार्ग प्रशस्त होने की संभावना थी।

आधिकारिक आदेश में कहा गया है, ‘पशुधन आयात अधिनियम 1898 संविधान लागू होने और स्वतंत्रता के पहले केंद्रीय कानून था। इसे इस समय की जरूरतों और सैनिटरी व फाइटो सैनिटरी उपायों, मौजूदा परिस्थितियों व व्यापार नियम 1961 के मुताबिक बदलने की जरूरत महसूस की गई है।’

बहरहाल इसमें कहा गया है कि परामर्श के दौरान यह महसूस किया गया कि प्रस्तावित मसौदे को समझने, आगे और प्रतिक्रिया व सुझाव आमंत्रित करने के लिए ज्यादा वक्त की जरूरत है। आदेश में कहा गया है कि इस मसौदे को लेकर कई प्रतिनिधिमंडल ने चिंता जताई थी, जो पशुओं के कल्याण की संवेदनशीलता से जुड़े हुए थे, जिसे देखते हुए विधेयक पर व्यापक विमर्श की जरूरत महसूस की गई है।

आदेश में कहा गया है, ‘उपरोक्त विचारों को देखते हुए संबंधित प्राधिकारी की मंजूरी मिलने के बाद प्रस्तावित मसौदा विधायक वापस लिया गया है।’ पशुओं के संरक्षण पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं, जैन धर्म मानने वालों और दक्षिण पंथी संगठनों ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया था और विभिन्न वजहों से इसे वापस लेने की मांग की थी।

First Published - June 21, 2023 | 10:45 PM IST

संबंधित पोस्ट