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सरकार ने बढ़ाई विभिन्न कर अनुपालनों की समय सीमा

Last Updated- December 12, 2022 | 1:30 AM IST

आयकर विभाग ने सामान्यीकरण शुल्क (इक्वलाइजेशन लेवी) और प्रेषण (रेमिटेंस) के लिए विवरण दाखिल करने सहित विभिन्न अनुपालनों के लिए रविवार को सम यसीमा बढ़ा दी। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म-। में सामान्यीकरण शुल्क ब्योरा दाखिल करने की समय सीमा 30 जून की मूल नियत तारीख के मुकाबले 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है।
जून व सितंबर तिमाही के लिए किए गए प्रेषण के संबंध में अधिकृत डीलरों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले फॉर्म 15सीसी में त्रैमासिक विवरण अब क्रमश: 30 नवंबर और 31 दिसंबर तक दायर किया जा सकता है। इस विवरण को दाखिल करने की मूल नियत तारीख क्रमश: 15 जुलाई और 15 अक्टूबर थी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि करदाताओं और अन्य हितधारकों द्वारा कुछ फॉर्म को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दाखिल करने में आ रही दिक्कतों की जानकारी दी गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए इन फॉर्म की ई तरीके से जमा कराने की तारीखों को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है।

एक अलग बयान में, सीबीडीटी ने प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना विवाद से विश्वास (वीएसवी) के तहत भुगतान करने की समयसीमा 30 सितंबर तक एक महीने तक बढ़ाने की घोषणा की। इस योजना के तहत विवादित कर, ब्याज, जुर्माने और शुल्क के मामलों का समाधान किया जाता है। इसमें किसी आकलन या पुन:आकलन आदेश में 100 प्रतिशत विवादित कर और 25 प्रतिशत विवादित जुर्माने या ब्याज या शुल्क के भुगतान के बाद मामले का समाधान हो जाता है। इसमें करदाता को ब्याज, जुर्माने की छूट के अलावा आयकर कानून के तहत किसी अभियोजन से छूट भी मिलती है। 
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि फॉर्म 3 जारी करने और संशोधित करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए भुगतान की तिथि को 30 सितंबर, 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। विवाद से विश्वास के तहत भुगतान के लिए फॉर्म 3 जरूरी है। 

65 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए आकर्षक बनी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से 65 साल की आयु के बाद जुडऩे वाले अंशधारकों के लिए इसे और आकर्षक बनाया है। इसके तहत ऐसे लोगों को अपने 50 प्रतिशत तक कोष को इक्विटी या शेयरों के लिए आवंटित करने की अनुमति दी गई है। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए बाहर निकलने के नियमों को सुगम किया गया है। 
एनपीएस से जुडऩे की आयु को 65 से बढ़ाकर 70 साल किए जाने के बाद पीएफआरडीए ने प्रवेश और बाहर निकलने के नियमों को संशोधित किया है। एनपीएस में प्रवेश की आयु को 18-65 से संशोधित कर 18-70 किया गया है।  संशोधित दिशानिर्देशों पर पीएफआरडीए के परिपत्र के अनुसार, 65-70 आयु वर्ग में कोई भी भारतीय नागरिक या विदेशों में बसा भारतीय नागरिक (ओसीआई) एनपीएस से जुड़ सकता है। वह इस योजना के साथ 75 साल की उम्र तक जुड़ा रह सकता है।
परिपत्र में कहा गया है कि जिन अंशधारकों ने अपने एनपीएस खाते को बंद कर दिया है, वे भी आयु में बढ़ोतरी के नियमों के अनुरूप नया खाता खोल सकते हैं। पीएफआरडीए ने कहा है कि यदि कोई अंशधारक 65 साल की उम्र के बाद एनपीएस से जुड़ता और डिफॉल्ट ऑटो चॉइस के तहत निवेश का फैसला करता है, तो उसे शेयरों में सिर्फ 15 प्रतिशत तक का ही निवेश करने की अनुमति होगी।

First Published - August 30, 2021 | 12:48 AM IST

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