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महंगाई के शिकार के लिए जारी है सरकारी मुहिम

Last Updated- December 06, 2022 | 10:40 PM IST

जिस तरह सरकार ने महंगाई के इस्पाती दुर्ग यानी स्टील उद्योग की नकेल कसी, ठीक उसी तर्ज पर सीमेंट उद्योग को शिकंजे में ले लिया।


इसी का असर है कि स्टील कंपनियों द्वारा स्टील का दाम घटाने के आश्वासन के ठीक एक दिन बाद सीमेंट बनाने वाली कंपनियों ने भी सरकार को दाम कम करने का भरोसा दे दिया।


केन्द्रीय उद्योग राज्यमंत्री अश्विनी कुमार ने बताया कि सीमेंट कंपनियों से बातचीत हुई है और वह 2-3 दिन के भीतर आपस में बातचीत कर यह प्रस्ताव रखेंगी कि किस तरह सीमेंट के दामों में कटौती की जा सकती है।
 
बेकाबू होती महंगाई के इस नाजुक वक्त में सरकार ने स्टील कंपनियों के साथ-साथ सीमेंट कंपनियों पर भी कार्टल बनाने का आरोप लगाया था। दिलचस्प बात यह है कि कंपनियां दाम कम करने की यह कवायद तब कर रही हैं, जबकि सरकार ने उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात कही है। सरकार ने सीमेंट के निर्यात पर भी रोक लगा दी है और आयात पर से शुल्क हटा लिया है।


कुमार ने बताया कि इन सरकारी कदमों की वजह से इस समय बाजार में करीब 3.65 लाख टन सीमेंट उपलब्ध है। मंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में सीमेंट की कीमतों में कमी आने के आसार हैं। उद्योग ने करों का बोझ हल्का करने के लिए कहा है और सरकार इस तरह के हर उपाय पर विचार करने के लिए तैयार है।


उन्होंने कहा कि सरकार ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय के सामने प्रस्ताव रखा है और इस पर कैबिनेट को आखिरी फैसला लेना है। गौरतलब है कि पिछले दो सालों में सीमेंट की कीमतें 150 रुपए प्रति बोरी (50 किलोग्राम) से बढ़कर 220-206 रुपए प्रति बोरी पर पहुंच गईं।


सोया तेल पाबंदी को लेकर भी रोष


सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन (सोपा) ने गुरुवार को कहा कि सोया तेल के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाने से बढ़ती महंगाई को काबू में नहीं किया जा सकता। इंदौर स्थित सोपा के सह समन्वयक राजेश अग्रवाल ने बताया – वायदा कारोबार पर प्रतिबंध समस्या का समाधान नहीं है, जिसे सरकार करने का प्रयास कर रही है। सोया तेल की कीमतें मांग और आपूर्ति और अंतरराष्ट्रीय कीमतों से तय होती हैं। सरकार को खाद्य तेल का बफर स्टॉक बनाना चाहिए।


कच्चे तेल ने छुआ नया शिखर


वैश्विक स्तर पर तेल की कीमत का बढ़ना गुरुवार को भी जारी रहा और कच्चे तेल के अमेरिकी भंडार में आशा से अधिक बढ़ोतरी के बावजूद 124 डॉलर के करीब पहुंच गया। जून के लिए न्यूयार्क का मुख्य तेल वायदा अनुबंध बढ़कर 123.87 डॉलर के रिकॉर्ड तक पहुंच गया। नॉर्थ सी कच्चा तेल जून की डिलीवरी के लिए सात सेंट गिर गया।

First Published - May 9, 2008 | 12:42 AM IST

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