वैश्विक वित्तीय संकट के मद्देनजर गोल्डमैन सैक्स ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत में विकास का अनुमान 9 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है।
उसने कहा है कि पिछले कुछ महीनों में वित्तीय संकट ने भारतीय शेयर बाजार का भट्ठा बिठा दिया है, जिससे घरेलू और विदेशी मांग कम हुई है। इसी वजह से भारत का विकास अनुमान भी कम हो गया है।
वैश्विक वित्तीय संकट की भंवर में फं सकर अमेरिका का दिग्गज निवेश बैंक लीमन ब्रदर्स दिवालिया क्या हुआ, भारत के शेयर बाजार में भी जबरदस्त गिरावट आ गई। इसी साल जनवरी में 21,000 का रिकॉर्ड स्तर पार करने वाला सेंसेक्स इस समय 10,000 अंकों से भी नीचे है।
गोल्डमैन सैक्स की मानें, तो अगले वित्त वर्ष का कारोबार लक्ष्य भी इस मंदी की भेंट चढ़ने वाला है। अगले वित्त वर्ष के लिए उसने कारोबारी लक्ष्य को 7 फीसद से घटाकर 5.8 फीसद कर दिया है।
इस बारे में गोल्डमैन ने कहा, ‘हमें भविष्य में कारोबार में और भी ज्यादा गिरावट का खतरा साफ नजर आ रहा है।?वित्तीय बाजार में इस गिरावट की एक बड़ी वजह रियल एस्टेट के बाजार में मंदी का दौर कायम रहना भी है।
निवेश बैंक के विश्लेषकों का मानना है कि तेजी से पांव पसार रही इस मंदी से निपटने के लिए भारत में सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।?इसकी वजह यह भी है कि सरकारी खजाने पर पहले से ही बड़ा बोझ है और वह खस्ता हालत में है।
हालांकि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 5 फीसद रहने के अनुमान हैं।?इसकी मुख्य वजह सरकार के मौद्रिक उपाय, अच्छी फसल के आसार, जिंस की घटती कीमतें और विनिर्माण क्षेत्र पर हो रहा निवेश हैं।