विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मुताबिक वस्तुओं के वैश्विक कारोबार की मात्रा 2020 की पहली छमाही में 14 प्रतिशत घटी है और 2020 में कुल मिलाकर गिरावट 13 प्रतिशत रह सकती है।
वैश्विक निकाय के गुड्स ट्रेड बैरोमीटर (जीटीबी) ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कि मात्रा के हिसाब से कारोबार साल 2020 की पहली छमाही में तेजी से सिकुड़ा है, लेकिन आने वाले दिनों में कुछ सुधार के भी संकेत हैं और साल के आखिर तक स्थिति कुछ सुधर सकती है।
जीटीबी से तात्कालिक सूचनाओं के आधार पर वैश्विक कारोबार के अनुमान मिलते हैं, जो हाल की धारणा पर आधारित होते हैं। इसके हाल के अनुमान से पता चलता है कि इसके अंक 87.6 रहे, जो मई के 84.5 से ज्यादा है। हालांकि यह फरवरी के 95.5 रीडिंग की तुलना में अभी कम है। रीडिंग 100 से ज्यादा रहने पर धारणा से ज्यादा वृद्धि और इससे कम रहने पर धारणा से कम वृद्धि के संकेत मिलते हैं। बदलाव पहले के महीने की गति से तुलनात्मक होती है।
हाल की रीडिंग 2007 के बाद के आंकड़ों के रिकॉर्ड में सबसे कम है। हाल के बैरोमीटर की रीडिंग ऑटोमोटिव उत्पादों (71.8) हवाई यातायात (76.5) के ध्वस्त होने की वजह से है, जिसमें 2007 के बाद सबसे खराब रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। कंटेनर शिपिंग (86.9) भी तमाम व्यवधानों की वजह से सुस्त रहा। वहीं दूसरी तरफ एक्सपोर्ट ऑर्डर में भी गिरावट (88.1) रही।
मई महीने में जीटीबी का सालाना आधार पर वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में 18.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान था, जबकि डब्ल्यूटीओ ने अलग से सुझाव दिया था कि कारोबार की मात्रा पहली छमाही में 14 प्रतिशत घटने की संभावना है। लेकिन उसके बाद से थोड़ी कम निराशावादी स्थिति नजर आई।
बुधवार को वैश्विक निकाय ने कहा, ‘जीटीबी की नई रीडिंग के साथ यह अनुमान लगता है कि 2020 में वैश्विक कारोबार डब्ल्यूटीओ के अप्रैल के अनुमान में बताए गए दो परिदृश्य की तुलना में कम निराशाजनक रहेगा और 2019 की तुलना में इस साल कारोबार 13 प्रतिशत कम रह सकता है।’
कारोबार में असल गिरावट के आंकड़ों की पुष्टि इस साल के बाद के महीनों में होगी, जब अप्रैल से जून के कारोबार की मात्रा के आंकड़े आ जाएंगे, लेकिन डब्ल्यूटीओ के अर्थशास्त्रियों ने बार बार चेतावनी दी है कि कारोबार में भारी गिरावट के बाद 2021 में तेजी से कारोबार बढ़ सकता है। डब्ल्यूटीओ ने कहा, ‘अनिश्चितता बनी हुई है। खासकर आर्थिक व व्यापार नीति के साथ मेडिकल संकट की स्थिति को लेकर एल आकार की रिकवरी वास्तविक पहलू है। इसकी वजह से वैश्विक व्यापार महामारी के पहले की तुलना में बहुत नीचे रहेगा।’
अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी तनाव पहले से चल रहा है, जिसका कारोबार की मात्रा पर असर पड़ा है और यह 2019 में 0.1 प्रतिशत घटा है। यह वैश्विक वित्तीय संकट के समय 2009 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट थी। 2019 के आखिर में बहुत बुरी स्थिति हो गई। डब्ल्यूटीओ ने यह भी चेतावनी दी है कि विकासशील देशों को सहायता की जरूरत होगी क्योंकि मौजूदा संकट से करीब सभी क्षेत्रों पर असर पड़ा है।
