अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के आंकड़े बाजार के अनुमान से कम आने के एक दिन बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि पहले के वर्षों में बदलाव के कारण वृद्धि के आंकड़े कमजोर आए हैं और इसका विश्लेषण इसी के अनुरूप किए जाने की जरूरत है।
नागेश्वरन ने कहा कि मंगलवार शाम को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों को लेकर बहुत ज्यादा नासमझी है क्योंकि यह पहले के तीन साल के आंकड़ों में बदलाव के बाद आया है।
नागेश्वरन ने कहा, ‘हमें स्थिर मूल्य पर निजी अंतिम खपत व्यय (पीएफसीई) देखने की जरूरत है। पहले के वर्षों के आंकड़ों में बदलाव के कारण 6 प्रतिशत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में घटकर 2 प्रतिशत पर आ गई है।’