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जीडीपी वृद्धि 9.5 प्रतिशत तक रह सकती है सीमित : फिच

Last Updated- December 12, 2022 | 5:06 AM IST

वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच सॉल्यूशंस ने आज कहा कि कोविड-19 के मौजूदा बढ़ते संकट के बीच सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के प्रति जन समर्थन को कुछ धक्का लगा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी को मतदाताओं का समर्थन आने वाली तिमाहियों और इस मानव संकट के दौरान मजबूत बना रहेगा। कोरोनावायरस संक्रमण की लहर ने देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को डुबो दिया है और लगता है कि व्यवस्था घ्वस्त हो गई है। कोरोना वायरस के एक दिन में अब तक के सर्वाधिक 4,12,282 मामले सामने आए हैं और 3,980 लोगों की मौत दर्ज की गई है। एजेंसी ने कहा कि कोरानावायरस संक्रमण के इस दौर के बीच वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि कम होकर 9.5 प्रतिशत रह सकती है। 
 
फिच का मानना है कि कंटेनमेंट जोन जैसे उपायों से भारत की आर्थिक क्षेत्र में सुधरती स्थिति पर असर होगा लेकिन स्थानीय स्तर पर अलग अलग स्थानों पर लगने वाले प्रतिबंधों से अर्थव्यवस्था पर वास्तविक प्रभाव पिछले साल अप्रैल-जून के प्रभाव के मुकाबले कम ही होगा। पिछले साल अप्रैल-जून के दौरान देश में विभिन्न चरणों में सख्त लॉकडाउन लागू किया गया था।  एजेंसी ने कहा है कि उसके ताजा अनुमान में गिरावट का जोखिम बना हुआ है, क्योंकि कोविड-19 मामलों से लाकडाउन का और विस्तार होगा। एजेंसी का कहना है कि कोविड-19 मामलों के तेजी से बढऩे से भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियां उजागर हुई हैं। फिच सॉल्यूशंस ने कहा है, ‘इस तरह के संकेत दिखते हैं कि कोविड-19 के इस संकट से सत्ताधारी भाजपा के समर्थन को चोट पहुंची है लेकिन हम अपने इस विचार को बरकरार रखते हैं कि मतदाताओं का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समर्थन बना रहेगा।’ 

First Published - May 7, 2021 | 3:56 PM IST

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