बिज़नेस स्टैंडर्ड मंथन के दूसरे आयोजन के दौरान जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि सरकार को 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के तहत निजी क्षेत्र की उन्नति भी सुनिश्चित करने की जरूरत है। भारत के तेज विकास के लिए यह जरूरी है कि निजी क्षेत्र भी तेजी से विकास करे। कांत ने गुरुवार को कहा, ‘भारत की अफसरशाही की मानसिकता बहुत ज्यादा समाजवादी है। हमें कई नियमों, कानूनों, प्रक्रियाओं को खत्म करने की जरूरत है, जिससे कि उद्यमों का मुक्त विकास हो सके। मेरे हिसाब से यह बहुत महत्त्वपूर्ण है।’
अमेरिका का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 26 प्रतिशत हिस्से को अमेरिका नियंत्रित करता है और उसके निजी क्षेत्र की ताकत के कारण महज 4 प्रतिशत आबादी का 44 प्रतिशत बाजार पूंजीकरण पर नियंत्रण है। नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) ने कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘मुक्त उद्यम की भावना हर भारतीय के मन में बैठनी चाहिए। आप जानते हैं कि भारतीय नियामक, नियम बनाना शुरू कर देते हैं। भारत के हर नियामक के ढेर सारे नियम बने हुए हैं। हर विभाग नियमन शुरू कर देता है। यहां नियमन कुछ ज्यादा ही है। इनको न सिर्फ हटाने, बल्कि पूरी तरह खत्म करने की जरूरत है।’
अगले 6 महीनों तक सुधार और नियमन में कमी लाना मूल मंत्र होना चाहिए। अब वास्तविक कार्रवाई राज्यों के हाथ में है, उन्हें अपने नियामकीय बोझ खत्म करने और सुधारों पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘विनियमन हटाएं, विनियमन हटाएं, विनियमन हटाएं। यही कुंजी है।’ उन्होंने कहा कि भारत सामान्य तौर पर 6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, लेकिन वृद्धि की रफ्तार बढ़ाकर 8.5 से 9 प्रतिशत करने की जरूरत है। इसे हासिल करने के लिए राज्यों को जोर लगाना होगा। इसके लिए महत्त्वपूर्ण है कि राज्य भी नियमों, विनियमों, प्रक्रियाओं और कानूनों को खत्म करें। इसके अलावा शहरीकरण की जरूरत है, क्योंकि इससे वृद्धि और बेहतर गुणवत्ता की नौकरियां पैदा होंगी।
भारतीय बाजार में वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) दिग्गज टेस्ला के आने की योजनाओं को लेकर चल रही चर्चाओं पर कांत ने कहा कि भारत में नई ईवी पेश करने से टेस्ला को प्रतिस्पर्धी भारतीय बाजार में ‘वास्तविक प्रतिस्पर्धा’ मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘टेस्ला के लिए उस मॉडल के साथ प्रतिस्पर्धा करना असंभव होगा। यह शानदार है। जब टेस्ला नए मॉडल के साथ उतरेगी, महिंद्रा और टाटा की कारें टेस्ला को बाजार पर कब्जा करने से रोकेंगी। उस कीमत पर टेस्ला के लिए भारत में कार बेचना असंभव होगा। यह बहुत प्रतिस्पर्धी बाजार है।’
उन्होंने कहा कि भारत को 4 ट्रिलियन डॉलर से 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘मैं कड़ी मेहनत पर भरोसा करता हूं। भारतीयों को निश्चित रूप कड़ी मेहनत करनी चाहिए, चाहे यह सप्ताह में 80 घंटे हो या 90 घंटे। अगर आपकी महत्त्वाकांक्षा 4 लाख करोड़ डॉलर से 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की है तो आप मजे करके या कुछ फिल्मी सितारों के विचारों को अपनाकर नहीं हासिल कर सकते हैं।’
जापान, दक्षिण कोरिया और कनाडा जैसे देशों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उन देशों ने दृढ़ कार्य नीति और कड़ी मेहनत के दम पर आर्थिक सफलता हासिल की है।