देश में जुलाई में औपचारिक नियुक्तियों की संख्या बढ़ी है। यह औपचारिक श्रम बाजार के मजबूत होने का संकेत है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सोमवार को जारी आंकड़े के मुताबिक जुलाई में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के नए मासिक सदस्यों की संख्या 2.6 फीसदी बढ़कर 10.5 लाख हो गई थी, जबकि यह संख्या जून में 10.2 लाख थी।
ईपीएफओ के तहत आने वाला श्रमबल औपचारिक होता है और श्रम कानून के तहत संरक्षण प्राप्त होने के कारण सामाजिक सुरक्षा प्राप्त कर पाता है। इसलिए इन आंकड़ों को महत्त्वपूर्ण माना जाता है। जुलाई में ईपीएफ के सदस्यों की कुल संख्या 10.5 लाख थी और इसमें 18-25 वर्ष की उम्र वाले युवा लोगों की हिस्सेदारी थोड़ी बढ़कर 59.4 फीसदी (6,25,000) हो गई।
यह हिस्सेदारी जून में 59.1फीसदी (6,06,000) थी। यह आयु समूह महत्त्वूर्ण होता है क्योंकि इस समूह के युवा श्रम बाजार में पहली बार प्रवेश करते हैं और श्रम बाजार की मजबूती को प्रदर्शित करते हैं। इसके अलावा जुलाई माह में नए सदस्यों में महिलाओं का अनुपात 29 फीसदी (3,05,000) था।
यह श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी का सकारात्मक रुझान दिखाता है। ईपीएफओ के नए सदस्यों और सदस्यता छोड़कर फिर सदस्य बनने वालों को जोड़कर शुद्ध पेरोल वृद्धि निकाली जाए तो यह संख्या जुलाई में 19.9 लाख थी।