भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दोनों देशों के बीच खाद्य गलियारे की योजना पर कार्य कर रहे हैं। इस क्रम में खाद्य प्रसंस्करण और फूड पार्क के लॉजिस्टिक्स में करीब 2 अरब डॉलर (करीब 17,000 करोड़ रुपये) के शुरुआती निवेश की योजना है।
केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मुंबई में 12वें उच्च स्तर निवेश कार्यबल (एचएलटीएफआई) के संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस पहल का उद्देश्य यूएई की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है और इससे भारत के किसान को भी फायदा पहुंचेगा। यह परियोजना आधारभूत ढांचे, विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में 100 अरब डॉलर की व्यापक निवेश रणनीति का हिस्सा है।
गोयल ने बताया, ‘यह निवेश दो रास्तों से आता है। एक सीधे यूएई से आता है जिसमें इस क्षेत्र में करीब 20 अरब डॉलर का निवेश होना है। हालांकि दुनियाभर में कई अन्य कोष भी सह निवेश कर रहे हैं।’
कार्यबल में केंद्रीय सरकार, राज्य सरकारें और यूएई शामिल हैं। इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कार्यबल बनाया गया है।
गोयल के मुताबिक इस परियोजना से भारत में किसानों की आय बढ़ने और भारत के युवाओं के लिए नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। इस परियोजना को यूएई और खाड़ी क्षेत्र में कृषि उत्पादों की स्थिर नियमित आपूर्ति की पहल के रूप में देखा जा रहा है।
अगस्त में हस्ताक्षर किए गए द्विपक्षीय निवेश संधि से भारत में यूएई से निवेश आने की उम्मीद है। समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) और द्विपक्षीय निवेश समझौता (बीआईटी) की पूरक प्रकृति से ड्यूटी फ्री मार्केट की पहुंच और यूएई के कारोबारियों को पूर्वानुमानित निवेश वातावरण मिलेगा।
इस साझेदारी में दोनों देशों के बीच इन्वेस्ट इंडिया कार्यालयों की स्थापना महत्त्वपूर्ण कदम है। गोयल ने घोषणा की कि यूएई दुबई में इन्वेस्ट इंडिया कार्यालय के लिए नि:शुल्क स्थान मुहैया करवाएगा। यह कार्यालय निवेश, व्यापार और तकनीक पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके बदले में भारत यूएईके समकक्ष कार्यालय को नई दिल्ली में स्थान उपलब्ध कराएगा।