केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद के 5.2 से 5.4 प्रतिशत के दायरे में रहने की घोषणा कर सकती है, यह देखते हुए कि वित्त वर्ष 26 तक मध्यम अवधि के राजकोषीय समेकन का लक्ष्य जीडीपी के 4.5प्रतिशत तक का है।
यह जानकारी गोल्डमैन सैक्स की भारत की राजकोषीय परिदृश्य रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार सरकार वित्त वर्ष 24 में जीडीपी के 5.9 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी, क्योंकि प्राप्तियों में जीडीपी के 0.2 प्रतिशत तक बढ़त होने की उम्मीद है।
गोल्डमैन सैक्स ने कहा, ‘वास्तव में यदि इस तिमाही में खर्च सुस्त रहता है तो घाटा जीडीपी के 5.8 प्रतिशत तक रह सकता है।’ दूसरी तरफ, वित्त वर्ष 25 में आयकर और कॉरपोरेट कर करीब 15 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, इसलिए सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए विनिवेश के लक्ष्य को कम कर सकती है।
राजकोषीय परिदृश्य रिपोर्ट के अनुसार, ‘वित्त वर्ष 18 और वित्त वर्ष 19 को छोड़कर बीते आठ वर्षों में बजट अनुमान से कम ही रकम विनिवेश व संपत्तियों की बिक्री से हासिल हुई है। हमें पूर्ववर्ती अनुमानों के अनुसार उम्मीद है कि वित्त वर्ष 24 में भी बजट के अनुमान से कम रकम विनिवेश से हासिल होगी।’
निवेश बैंकिंग फर्म के अनुसार पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित किया जाना कायम रहेगा। लेकिन बीते वर्षों की तुलना में कम गति होने से मध्यम अवधि के राजकोषीय समेकन का रास्ता नजर आता है। सरकार ने वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमानों के बीच पूंजीगत व्यय में 30 प्रतिशत से अधिक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) की है।
इससे पूंजीगत व्यय का लक्ष्य जीडीपी का 3.3 प्रतिशत हो गया है और यह बीते 18 वर्षों में सर्वाधिक है। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वे सकल कर राजस्व के बढ़ने के कारण वित्त वर्ष 24 में पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 में पूंजीगत व्यय की वृद्धि में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की कमी आएगी।’
रिपोर्ट में वित्त वर्ष 25 में सरकारी उधारी अधिक रहने की उम्मीद जताई गई है। नीतिगत दर का चक्र सुस्त रहने के कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों और घरेलू निवेशकों की तरफ से पर्याप्त मांग रहने की उम्मीद है। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 में भारतीय रिजर्व बैंक सरकारी बॉन्ड का शुद्ध बिक्री करने वाला भी रह सकता है।
गोल्डमैन सैक्स ने कहा, ‘हमें कैलेंडर वर्ष 24 की तीसरी और चौथी तिमाही में दो बार रीपो दर में 25 आधार अंक कटौती की उम्मीद है।’ गोल्डमैन सैक्स को वित्त वर्ष 25 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा करीब 18 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है।
लिहाजा लघु बचत सेवाओं, राज्य भविष्य निधि के कोष के बाद 12 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी लिए जाने की उम्मीद है। राज्य सरकारों के लिए अनुमान है कि वित्त वर्ष 25 में जीडीपी के 2.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का 70 प्रतिशत बाजार के ऋण से जुटाया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘लिहाजा राज्य वित्त वर्ष 25 में 5.8 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी लेंगे।’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जून, 2024 में जेपी मॉर्गेन सरकारी बॉन्ड सूचकांक में भारत के शामिल होने से वित्त वर्ष 25 में विदेशी संस्थागत निवेशकों का शुद्ध प्रवाह मजबूत होगा।