बीएस बातचीत
दीपम सचिव तुहिन कांत पांडे ने साक्षात्कार में निकुंज ओहरी को बताया कि सरकार ने एलआईसी के आईपीओ के लिए निवेशक संपर्क शुरू कर दिया है और निवेश बैंकर एक रणनीति पर काम कर रहे हैं। बातचीत के अंश:
एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के पास रखी एयर इंडिया की परिसंपत्तियों से आमदनी की क्या योजना है?
एआईएएचएल के पास एक ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी, इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन, अलायंस एयर, होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की शेष परिसंपत्तियां और भूमि एवं इमारत हैं। भूमि और इमारतों को बेचने के लिए परिसंपत्ति मुद्रीकरण ढांचे का पालन करना होगा। एयर इंडिया अपने फ्लैटों और आवासीय परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की कोशिश कर रही है। प्रमुख इमारतों- दिल्ली में वसंत विहार कॉलोनी का मुद्रीकरण एयर इंडिया को नए खरीदार को सुपुर्द करने के बाद होगा। इसमें लंबा समय लगेगा । कंपनियों के शेयर बेचने के लिए इन कंपनियों में एआईएएचएल के शेयर बेचे जाएंगे। इसकी शुरुआत ग्राउंड हैंडलिंग इकाई- एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के निजीकरण से होगी।
एचआईएएचएल एयर इंडिया का कर्ज कैसे उतारेगी?
इसमें दो संभावनाएं हैं – बाजार से पैसा जुटाना और पुरानी की जगह नई गारंटी। एआईएएचएल के पास अभी कोई आय नहीं है क्योंकि परिसंपत्तियां अभी बेची जानी हैं। इसलिए सरकार बजट प्रावधानों या इसे बाजार से धन जुटाने की मंजूरी के जरिये मदद देगी।
क्या भूमि एसपीवी की एयर इंडिया की जमीन और इमारतों के मुद्रीकरण में अहम भूमिका होगी?
भूमि एसपीवी बनने से उन कंपनियों की जमीन के मुद्रीकरण में मदद मिलेगी, जो खुद अपनी जमीन के मुद्रीकरण में सक्षम नहीं हैं। एआईएएचएल सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है और इसे बाहरी मदद पर निर्भर रहना होगा क्योंकि यह चालू कंपनी नहीं है।