देश से होने वाला निर्यात नवंबर में कमजोर रहा है। आलोच्य अवधि में निर्यात 8.70 फीसदी घटकर 23.52 अरब डॉलर रह गया। इस तरह, सितंबर के बाद लगातार दूसरे महीने निर्यात में कमी आई है। अक्टूबर में निर्यात 5.10 प्रतिशत कमजोर रहा था। पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग, रसायन और रत्न एवं आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण निर्यात में कर्म दर्ज की गई। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक केवल फरवरी और सितंबर में ही निर्यात में तेजी देखी गई थी। आने वाले महीनों में निर्यात को लेकर विशेषज्ञों ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दी हैं।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार आलोच्य महीने में आयात भी 13.32 फीसदी घटकर 33.39 अरब डॉलर रह गया। हालांकि आयात कम होने से व्यापार घाटा कम होकर 9.87 अरब डॉलर तक सिमट गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान निर्यात 17.76 फीसदी घटकर 173.66 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 33.55 फीसदी कम होकर 215.69 अरब डॉलर रह गया। इससे व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले आठ महीनों में 42 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 113.42 अरब डॉलर रहा था। आंकड़े के अनुसार नवंबर महीने में तेल आयात 43.36 प्रतिशत घटकर 6.27 अरब डॉलर रहा। देश में गैर-तेल एवं धातुओं (सोना छोड़कर) का आयात नवंबर में 1.67 प्रतिशत कम होकर 24.10 अरब डॉलर रह गया। हालांकि गिरावट की दर्ज अक्टूबर के 5 प्रतिशत के मुकाबले कम रही। इससे नवंबर में औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े बेहतर रहने की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार नवंबर में त्योहारों और जिंसों की कीमतों में तेजी के कारण आयात में कमी देखी गई।
इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘गैर-तेल और अन्य धातुओं के आयात में मामूली कमी त्योहारी समय में मांग में अस्थायी तेजी और जिंसों की बढ़ती कीमतों की तरफ इशारा कर रहे हैं।’ पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में 59.73 प्रतिशत कमी दर्ज की गई जबकि इंजीनियरिंग वस्तुओं का आयात 8.12 प्रतिशत तक कम हो गया। चमड़े एवं इसके अन्य उतपादों का आयात भी 29.8 प्रतिशत कम हो गया, वहीं रेडीमेड परिधान के आयात में भी 2 प्रतिशत कमी देखी गई। दूसरी तरफ दवाओं का निर्यात आलोच्य अवधि में 11.15 प्रतिशत बढ़ गया। रत्न एवं आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के निर्यात में क्रमश: 4.1 पतिशत और 0.97 प्रतिशत की तेजी आई।
एक्जिम बैंंक के मुख्य महाप्रबंधक प्रह्लादन अय्यर ने कहा कि क्रिसमस और नव वर्ष के दौरान मुख्य निर्यात बाजारों में मांग बढऩे से दिसंबर में निर्यात का आंकड़ा शायद मजबूत रह सकता है।
