सरकार ने आयात-निर्यात कोड (IEC) धारक को एक वित्त वर्ष में 10 करोड़ रुपये की ब्याज अनुदान सीमा तय कर दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने गुरुवार को एक सूचना में कहा कि किसी वित्त वर्ष में एक IEC धारक को अधिकतम 10 करोड़ रुपये की शुद्ध अनुदान राशि दी जाएगी।
चालू वित्त वर्ष के लिए एक IEC को एक अप्रैल से किए गए सारे भुगतान की गणना की जाएगी। रिजर्व बैंक ने मार्च, 2022 में MSME निर्यातकों के लिए निर्यात के पहले एवं बाद में रुपये में क्रेडिट की ब्याज समतामूलक योजना को मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया था।
निर्यातकों को इस योजना के तहत सरकार से सब्सिडी मिलती है। योजना के तहत MSME निर्यातकों के लिए ब्याज समतामूलक दरों को संशोधित कर दो फीसदी एवं तीन फीसदी कर दिया गया है। आयात-निर्यात कोड (IEC) देश में वस्तुओं के आयात एवं निर्यात के लिए जरूरी दस्तावेज है।