भारत ने इस्पात उत्पादों और बासमती चावल के निर्यात पर कर बढ़ा दिया है। उम्मीद की जा रही है कि 2005 के रिकार्ड तोड़ चुकी महंगाई को रोकने में मदद मिलेगी और घरेलू आपूर्ति में बढ़ोतरी होगी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 26 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में महंगाई दर बढ़कर 7.61 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सरकार ने आज इस्पात सामग्री और बासमती चावल पर निर्यात शुल्क लगाया जाना अधिसूचित किया। स्टील पर जहां निर्यात शुल्क पांच से दस प्रतिशत होगा, वहीं बासमती चावल पर शुल्क आठ हजार रुपये प्रति टन तय किया गया है।
पिग आयरन, फेरस उत्पादों, स्टील इंगोट पर निर्यात शुल्क 15 प्रतिशत, सरिया और छड़ों पर दस प्रतिशत और जिंक लिपटे या लगे लोहे या गैर अलाय स्टील के फ्लैट रोल्ड उत्पादों पर पांच प्रतिशत होगा। सरकार ने लोकसभा में वित्त मंत्री पी चिदंबरम की घोषणा के क्रम में निर्यात शुल्क लगाने की अधिसूचना जारी की है।