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रोजगार योजना से 50 से 60 लाख नौकरियों की आस

Last Updated- December 14, 2022 | 9:14 PM IST

केंद्र सरकार का लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत औपचारिक क्षेत्र में 50 से 60 लाख नौकरियां सृजित करने का है। इस योजना के जरिये कंपनियों को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गई है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘हम जून 2021 तक 50 से 60 लाख नौकरियां सृजित करने की उम्मीद कर रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों से पता चला है कि महामारी की वजह से शुरुआती महीनों में करीब 20 लाख लोगों को रोजगार गंवाना पड़ा है।’
कर्मचारी भविष्य निधि सब्सिडी प्राप्त करने के लिए निजी क्षेत्र की फर्में अक्टूबर 2020 से जून 2021 तक अपनेे श्रमबल में हर महीने कर्मचारियों की न्यूनतम निवल संख्या बढ़ाती रहेगी और केंद्र सरकार ऐसी फर्मों के पेरोल पर लगातार नजर रखेगी।
इस सब्सिडी का लाभ लेने के लिए अगर कंपनी के पास 50 से कम कर्मचारी हैं तो उसे हर महीने कम से कम दो नए कर्मचारियों को नियुक्त करना होगा और 50 से अधिक कर्मचारी वाली फर्मों को कम से कम 5 नए कर्मचारी नियुक्त करने होंगे। हालांकि यह नियम 15,000 रुपये तक के मासिक वेतन वाले कर्मचारियों पर ही लागू होगा।
अधिकारी ने कहा कि अगर 50 कर्मचारियों वाली कोई कंपनी किसी महीने न्यूनतम 5 नए कर्मचारियों को नियुक्त नहीं कर पाती है तो उस महीने की सब्सिडी नहीं दी जाएगी। सरकार आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को अधिसूचित करने से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगी।
वर्तमान में नियोक्ता और कर्मचारी को ईपीएफओ के तहत वेतन का 12-12 फीसदी अंशदान देना होता है। लेकिन नई योजना के तहत सरकार 1,000 तक कर्मचारियों वाली कंपनी में कर्मचारी और नियोक्ता के हिस्से का अंशदान देगी और 1,000 से अधिक कर्मचारियों वाली फर्मों में केवल कर्मचारियों के हिस्से का अंशदान करेगी। यह व्यवस्था दो साल के लिए होगी। नियोक्ता के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार को इस योजना को सुगमता से क्रियान्वित करने का प्रयास करना चाहिए। भारतीय उद्योग परिसंघ के चेयरमैन (पश्चिमी क्षेत्र) प्रदीप भार्गव ने कहा, ‘इस तरह की योजना का संचालन चुनौतीपूर्ण होगा। इसके लिए ज्यादा निरीक्षण की जरूरत होगी और जटिलताएं बढ़ेंगी। इसके बजाय आपूर्ति पक्ष को सुगम बनाने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर पैसा निवेश करना चाहिए।’
इस योजना के लागू होने के बाद पहली बार ईपीएफओ में पंजीकरण कराने वाले प्रतिष्ठानों को सभी नए कर्मचारियों के लिए इसका लाभ मिलेगा। टीम लीज की सह-संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, ‘हम इस योजना को लेकर आशान्वित हैं और महामारी से प्रभावित उद्योगों में इसकी मांग है। प्रत्येक महीने कम से कम 5 कर्मचारियों को नियुक्त करने की सीमा चुनौतीपूर्ण होगी, खास तौर पर छोटी फर्मों के लिए। लेकिन कुल मिलाकर यह योजना उत्साहजनक है।’

First Published - November 16, 2020 | 10:45 PM IST

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