भारत और ब्राजील ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) की भौतिक और राजनयिक स्थिति स्थापित करने में देरी पर चर्चा की है, तथा चालू वर्ष के अंत तक दोनों को स्थापित करने की आवश्यकता पर सहमति जताई है। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ब्राजील के अपने समकक्ष के साथ ब्रासिलिया में सितंबर में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की थी।
नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के इतर 9 सितंबर, 2023 को जीबीए की शुरुआत की गई थी। लेकिन गठन के एक साल से भी अधिक गुजर जाने के बाद भी इसका चार्टर, स्थायी सरकारी ढांचा या स्थायी सचिवालय नहीं बन पाया है। अधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘दोनों पक्षों ने जीबीए के लंबित कार्य को तेजी निपटाने के महत्त्व को स्वीकार किया है।
मुख्यालय और चार्टर की स्थापना के लंबित कार्य को साल के अंत तक निपटाने के लिए अस्थायी रूप से तिथि तय की गई है।’ हालांकि सरकार, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और उद्योगों के बहुहितधारक गठबंधन ने कार्ययोजना को स्वीकार कर लिया है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि देश के परिदृश्य का आकलन करने, नीतिगत रूपरेखा तैयार करने और जैव ईंधन कार्यशालाओं के आयोजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, इन्हें अप्रैल में ब्राजील में जी7 विचार-विमर्श के दौरान आयोजित निकाय की एक प्रमुख बैठक में तत्काल लक्ष्यों के रूप में पहचाना गया था, और जुलाई में जीबीए ने इनका जायजा लिया।
बढ़ती रुचि
जीबीए का उद्देश्य वैश्विक परिदृश्य को बदलना और वैश्विक स्तर पर जैव ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। इसका लक्ष्य जैवईंधन के मानदंड तय करना, औपचारिक जैवईंधन के मार्केट का विस्तार और मांग व आपूर्ति को बेहतर करना है। इस 24 देशों के समूह में मुख्य भूमिका भारत और ब्राजील निभा रहे हैं।