facebookmetapixel
50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चाE20 पेट्रोल विवाद पर बोले नितिन गडकरी, पेट्रोलियम लॉबी चला रही है राजनीतिक मुहिमभारत को 2070 तक नेट जीरो हासिल करने के लिए 10 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत: भूपेंद्र यादवGoogle लाएगा नया फीचर: ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेगा अलग-अलग विज्ञापन, ब्रांडों को मिलेगा फायदाअब ALMM योजना के तहत स्वदेशी सोलर सेल, इनगोट और पॉलिसिलिकन पर सरकार का जोर: जोशीRupee vs Dollar: रुपया 88.44 के नए निचले स्तर पर लुढ़का, एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बनीब्याज मार्जिन पर दबाव के चलते FY26 में भारतीय बैंकों का डिविडेंड भुगतान 4.2% घटने का अनुमान: S&P

2022-23 में 7 फीसदी की गति से बढ़ेगी इकोनॉमी, NSO ने जारी किया अग्रिम अनुमान

NSO की तरफ से 30 नवंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 9.7 फीसदी रही।

Last Updated- January 06, 2023 | 10:14 PM IST
economy

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के नवीनतम अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और विश्व बैंक (World bank) के अनुमान से ज्यादा है।

NSO की तरफ से 30 नवंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 9.7 फीसदी रही।

NSO द्वारा जारी जीडीपी के पहले अग्रिम अनुमान में अक्टूबर महीने के कारखानों के उत्पादन के साथ ही नवंबर और दिसंबर के कुछ संकेतकों को भी शामिल किया गया है। इसके आधार पर अनुमान लगाया गया है कि दूसरी छमाही में विकास दर 4.5 फीसदी रहेगी।

RBI ने चालू वित्त वर्ष में GDP वृद्धि 6.8 फीसदी और विश्व बैंक ने 6.9 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2018 से आम बजट फरवरी के अंतिम दिन की जगह 1 फरवरी को पेश करने की शुरुआत की थी। इसकी वजह से सां​ख्यिकी विभाग ने भी पहले अग्रिम अनुमान को समय से पहले जारी करने लगा है ताकि सरकार बजट गणना में सालाना GDP अनुमान को शामिल कर सके।

एमके ग्लोबल फाइनैं​शियल सर्विसेज में प्रमुख अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा, ‘पहले अग्रिम अनुमान में नवंबर तक के आंकड़े शामिल होते हैं, ऐसे में बाद में इसमें बदलाव संभव है।

NSO पिछले तीन साल के सालाना संशो​धित अनुमान जनवरी अंत तक जारी करेगी, जिससे वित्त वर्ष 2023 के अनुमान के आधार में बदलाव हो सकता है। वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही और वित्त वर्ष 2023 के GDP वृद्धि का दूसरा अग्रिम अनुमान फरवरी अंत में जारी किया जाएगा, जिसमें ज्यादा वास्तविक आंकड़े शामिल हो सकते हैं।

वित्त वर्ष 2023 में कृ​षि क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। अच्छा मॉनसून की बदौलत कृ​षि क्षेत्र की वृद्धि 3.5 फीसदी रह सकती है। हालांकि बिजली (9 फीसदी) और निर्माण (9.1 फीसदी) में भी अच्छी वृद्धि देखी जा सकती है। लेकिन उच्च उत्पादन लागत की वजह से विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन अपेक्षाकृत खराब रहेगा और इस क्षेत्र की वृद्धि 1.6 फीसदी रह सकती है। देश की अर्थव्यवस्था में आधे से अ​धिक का योगदान देने वाला सेवा क्षेत्र की वृद्धि 9.1 फीसदी रहने की उम्मीद है। इससे कुछ GDP वृद्धि को बल मिल सकता है।

वित्त वर्ष 2023 में निजी खपत व्यय 77 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि सरकारी व्यय (केंद्र और राज्य दोनों) में 3.1 फीसदी की नरम वृद्धि रह सकती है। एनएसओ का अनुमान है कि निवेश मांग में 11.5 फीसदी की वृद्धि होगी। यह मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय के कारण सकल ​स्थिर पूंजी निर्माण को प्रतिनि​धित्व करता है।

इंडिया रेटिंग्स एवं रिसर्च में वरिष्ठ निदेशक और प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि निजी खपत में अभी भी व्यापक सुधार का अभाव है। उन्होंने कहा कि वर्तमान खपत की मांग बड़े पैमाने पर ऊपरी आय वर्ग के परिवारों द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की बदौलत दिख रही है।

चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि के पहले अग्रिम अनुमान से सरकार खुश हो सकती है क्योंकि नॉमिनल जीडीपी 15.4 फीसदी रहने का अनुमान है। ऐसे में कर राजस्व बजट अनुमान से ज्यादा रहने की उम्मीद है। सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.4 फीसदी तक सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल करने में सफल हो सकती है।

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी ने कहा कि नरमी का असर अगले साल से तेज दिखेगा। उन्होंने कहा कि घरेलू मांग अभी तक अपेक्षाकृत लचीली बनी हुई है। औद्योगिक गतिविधि में कमजोरी का परीक्षण अगले साल होगा।

First Published - January 6, 2023 | 10:14 PM IST

संबंधित पोस्ट