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Economic Advisor: मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा- प्राइवेट सेक्टर में निवेश बढ़ने के दिख रहे संकेत

Last Updated- May 25, 2023 | 7:35 PM IST
आय, बचत पर फिनटेक से सकारात्मक प्रभाव संभव: सीईए वी अनंत नागेश्वरन Fintech solutions can positively impact income, savings: CEA Nageswaran

मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) वी अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि निजी क्षेत्र में निवेश आने के संकेत हैं और इस्पात एवं सीमेंट जैसे क्षेत्र नया निवेश आकर्षित करने वाले दौर में पहुंच चुके हैं।

नागेश्वरन ने उद्योग मंडल सीआईआई (Industry Chamber CII) के वार्षिक कार्यक्रम में कहा, ‘‘कॉरपोरेट क्षेत्र से निवेश होने के संकेत दिख रहे हैं। कुछ नये निवेश की घोषणा भी हुई है।’’

CEA नागेश्वरन ने पिछले तीन साल की पहली छमाही के आंकड़ों के आधार पर कहा कि 2021-22 में निजी क्षेत्र का निवेश 2.1 लाख करोड़ रुपये, 2021-22 में 2.7 लाख करोड़ रुपये तथा 2022-23 में 3.3 लाख करोड़ रुपये रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि यह बढ़ रहा है और पूरे साल का आंकड़ा मिलते ही तस्वीर बिल्कुल साफ हो जाएगी। हमें पता है कि कंपनियों का आंतरिक स्तर पर संसाधनों का सृजन उच्च स्तर पर है। इसीलिए, हो सकता है कि उन्हें पूंजी बाजार या बैंकों के पास जाने की भी जरूरत नहीं हो।’’

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने देश में निजी क्षेत्र में पूंजी सृजन चक्र को लेकर उम्मीद जताते हुए कहा, ‘‘हम इसका इंतजार कर रहे थे। चीजें अब तेजी से उभर रही हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस्पात और सीमेंट जैसे कुछ क्षेत्रों में क्षमता उपयोग ऐसे जगह पहुंच गया है, जहां नये निवेश होने हैं। नागेश्वरन ने यह भी कहा कि आर्थिक वृद्धि के लिये ऊर्जा का स्थान महत्वपूर्ण है। वैश्विक स्तर पर जारी गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के साथ ऊर्जा सुरक्षा को लेकर काफी दबाव है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले दो-तीन साल में जो वृद्धि दर हासिल की है, उसे बनाये रखने की राह में सबसे बड़ी चुनौती मुझे ऊर्जा सुरक्षा लगती है। हम पूर्ण रूप से जीवाश्म ईंधन (कोयला आदि) को बंद नहीं कर सकते।’’ नागेश्वरन ने कहा, ‘‘हमें 2030 तक स्थापित क्षमता के संदर्भ में ऊर्जा मिश्रण में गैर-जीवाश्म ईंधन और जीवाश्म ईंधन के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है …।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे में अगर वित्तीय क्षेत्र जीवाश्म ईंधन के लिये वित्त पोषण पूरी तरह से देने से बचेंगे, तब आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, ‘‘और अगर हम आर्थिक वृद्धि को खतरे में डालते हैं, तो राजकोषीय और निजी क्षेत्र के संसाधनों का सृजन भी खतरे में पड़ जाएंगे।’’

First Published - May 25, 2023 | 7:35 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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