facebookmetapixel
बिजली, सड़क, शिक्षा और हेल्थ: 2017 के बाद यूपी में हर सेक्टर में हुए बड़े सुधार- BS समृद्धि में बोले उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठकबॉलीवुड अभिनेत्री काजोल ने किराये पर दी प्रॉपर्टी, 9 साल में कमाएंगी ₹8.6 करोड़Al Falah चेयरमैन के खिलाफ ED की कार्रवाई, 415 करोड़ की अवैध कमाई की जांचयूपी की अर्थव्यवस्था ₹13 लाख करोड़ से ₹30 लाख करोड़ कैसे पहुंची? आबकारी मंत्री ने बिज़नेस स्टैंडर्ड–समृद्धि में बतायासैलरी आती है और गायब हो जाती है? तीन बैंक अकाउंट का ये फॉर्मूला खत्म कर सकता है आपकी परेशानीPM Kisan 21st Installment: किसानों के लिए खुशखबरी! खाते में आज आएंगे 2000 रुपये, जानें कैसे चेक करें स्टेटसबिज़नेस स्टैंडर्ड समृद्धि 2025Tenneco Clean Air IPO Listing: 27% प्रीमियम के साथ बाजार में एंट्री; निवेशकों को हर शेयर पर ₹108 का फायदाGold Silver Rate Today: सोने की चमक बढ़ी! 1,22,700 रुपये तक पहुंचा भाव, चांदी की कीमतों में भी उछालAxis Bank बना ब्रोकरेज की नंबर-1 पसंद! बाकी दो नाम भी जान लें

चालू वित्त वर्ष में 4.5% के आसपास रह सकती है महंगाई दर, क्रिसिल ने जताया अनुमान

रेटिंग कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति मई में मामूली रूप से घटकर 4.75 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल 2024 में 4.8 प्रतिशत थी।

Last Updated- June 14, 2024 | 3:17 PM IST
inflation

अग्रणी रेटिंग एवं आर्थिक शोध कंपनी क्रिसिल (CRISIL) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में मुद्रास्फीति (Inflation) के औसतन 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

क्रिसिल ने कहा, ‘‘ मानसून की सामान्य स्थिति को देखते हुए हम उम्मीद करते हैं कि खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी आएगी, जबकि गैर-खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है। जिंस कीमतों में नरमी के कारण इसके नरम बने रहने की उम्मीद है।’’

रेटिंग कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति मई में मामूली रूप से घटकर 4.75 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल 2024 में 4.8 प्रतिशत थी।

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ गैर-खाद्य श्रेणियों ने मुख्य मुद्रास्फीति को नीचे खींचा है, लेकिन चिंता की बात यह है कि खाद्य श्रेणियों अनाज तथा दालों में लगातार वृद्धि हो रही है।’’

क्रिसिल ने कहा कि शहरी अर्थव्यवस्था को सख्त ऋण शर्तों से नियंत्रित किया जा सकता है। हाल के महीनों में बैंक खुदरा ऋण वृद्धि में कमी आई है, जबकि एनबीएफसी को बैंक ऋण देने पर प्रतिबंध लगाने के विनियामक उपायों का असर उपभोक्ता ऋणों पर भी पड़ेगा।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ सरकार के अच्छे पूंजीगत व्यय के बावजूद, राजकोषीय समेकन के कारण इसके पिछले वर्ष की तुलना में कम रहने का अनुमान है।’’

इसमें कहा गया कि धीमी वैश्विक वृद्धि से वस्तु निर्यात में वृद्धि बाधित हो सकती है, जिससे इस वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रह जाएगी, जो पिछले वर्ष 8.2 प्रतिशत थी।

First Published - June 14, 2024 | 3:17 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट