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बजट में बेरोजगारी की हुई उपेक्षा : चिदंबरम

Last Updated- December 11, 2022 | 9:22 PM IST

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें बेरोजगारी की भयावह स्थिति की उपेक्षा की गई है, जिससे देश के युवा जूझ रहे हैं।
राज्यसभा में चिदंबरम ने कहा कि बजट भाषण में गति शक्ति के माध्यम से 5 साल में 60 लाख नौकरियों के सृजन की बात कही गई है, जबकि हर साल श्रम बल में 47.5 लाख लोग जुड़ रहे हैं। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के कुल 94 करोड़ कार्यबल में से सिर्फ 52 करोड़ लोगों को ही किसी तरह का काम मिला हुआ है, चाहे वह नियमित हो या अनियमित। उन्होंने आगे कहा कि भारत में कामकाजी लोगों की औसत आयु 28.43 प्रतिशत है और 50 प्रतिशत से ज्यादा भारतीय इस उम्र से नीचे हैं और नौकरियों की तलाश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने एक साल में 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था और उन्हें बताना चाहिए कि कितनी नौकरियों का सृजन हुआ है।’ उन्होंने बेरोजगारी के सीएमआईई के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि शहरी बेरोजगारी 7.9 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 6.54 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा, ‘और बजट भाषण में नौकरियों के सृजन पर सिर्फ एक बयान है कि गति शक्ति व इन्फ्रास्ट्रक्चर से 5 साल में 60 लाख नौकरियों का सृजन होगा। यह साल में 12 लाख नौकरियां हुईं और शेष क्या करेंगे?’
उन्होंने कहा कि 31 जनवरी 2021 को 8,72,243 सरकारी पद रिक्त थे और सर्वशक्तिमान भारत सरकार ने 78,264 पदों को भरा एवं करीब आठ लाख पदों को खाली रहने दिया गया।  
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि दो साल में देश ने लाखों नौकरियां गंवाई और 60 लाख एमएसएमई बंद हुए। उन्होंने कहा कि परिवारों की आय और प्रति व्यक्ति आय में कमी आई है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम एवं अन्य वस्तुओं पर सब्सिडी घटा दी गई। उन्होंने कहा कि कल्याण को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया, काम दिया नहीं जा रहा है और सरकार संपत्ति बनाने की बात करती है। उन्होंने कहा कि यह संपत्ति किसके लिए बनाई जा रही है, उन चंद अरबपतियों के लिए जिनकी संपत्ति लगातार बढ़ रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, नदियों में बहने वाले शवों के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, कितने प्रवासी अपने घरों तक पैदल चल कर गए, इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, जो काम 2022 में किया जाना था। चिदंबरम ने कहा कि यह सरकार नो डाटा एवेलेबल (कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है) सरकार यानी एनडीए सरकार है।
उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में वित्त मंत्री ने 6.8 प्रतिशत का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को इसके लिए उन्होंने आगाह भी किया था, किंतु वित्त मंत्री ने तब कहा था कि हम इससे बेहतर करेंगे। चिदंबरम ने कहा कि वास्तव में यह 6.9 प्रतिशत रहा।
चिदंबरम ने कहा कि विनिवेश के लिए एक लाख 75 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया था। उन्होंने कहा कि वह सरकार के आभारी हैं कि इस लक्ष्य में मात्र 75 हजार करोड़ रुपये ही एकत्र किए गए।

First Published - February 8, 2022 | 11:29 PM IST

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