केंद्र सरकार उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं में मामूली फेरबदल को लेकर परामर्श कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि इसका मकसद योजना को सरलता से लागू करना है, जिसे घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है।
बहरहाल अधिकारी ने यह नहीं बताया कि किन नियमों में बदलाव पर विचार किया जा रहा है क्योंकि संबंधित मंत्रालयों से परामर्श अभी जारी है।
सरकार उद्योग से सुझावों पर भी कार्रवाई करेगी, जिसमें PLI दावों पर तेजी से काम करना, राज्य स्तर पर पर्यावरण संबंधी मंजूरी में होने वाली देरी को कम करना और भारत में विनिर्माण से जुड़े चीन के वेंडरों के वीजा को स्वीकृति देने में देरी का समाधान करना शामिल है।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में सचिवों के समूह की अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में PLI योजना की समीक्षा के दौरान इन मसलों पर चर्चा की गई थी। इस बैठक में उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिनका प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से बेहतर है।
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उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा, ‘आज जो क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, इस योजना में शामिल हैं। इनमें फार्मास्यूटिकल्स, मोबाइल विनिर्माण, व्हाइट गुड्स व अन्य शामिल हैं। जो सेक्टर पूरी तरह गति में नहीं हैं, उनकी समीक्षा बाद में की जाएगी।’ अधिकारी ने कहा कि योजना को लागू करने के लिए संबंधित मंत्रालयों से मिले कुछ सुझावों को नीतिगत फैसले में बदला जाएगा।
PLI सेक्टरों की समीक्षा के जल्द ही एक और दौर की बैठक होगी, जिसमें उन क्षेत्रों पर विचार होगा, जहां प्रोत्साहन की रफ्तार सुस्त है। इन क्षेत्रों में स्टील, टेक्सटाइल, सोलर पीवी व अन्य शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने 8 क्षेत्रों के PLI लाभार्थियों को वित्त वर्ष 23 में 2,874 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिनमें मोबाइल विनिर्माण, आईटी हार्डवेयर, फार्मास्यूटिकल ड्रग्स, बल्क ड्रग्स, मेडिकल उपकरण, टेलीकॉम, खाद्य प्रसंस्करण व ड्रोन शामिल हैं।
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PLI योजना लागू होने के तीसरे साल वित्त वर्ष 24 में यह राशि करीब 13,000 करोड़ रुपये पहुंच सकती है। वित्त वर्ष 25 के लिए प्रोत्साहन का भुगतान बढ़कर 23,000 से 24,000 करोड़ रुपये पहुंचने की संभावना है, जैसा कि बिजनेस स्टैंडर्ड ने पहले खबर दी थी। केंद्र सरकार ने उन कंपनियों से नए सिरे से बातचीत शुरू की है, जिन्हें PLI योजना के तहत चुना गया था।
यह बातचीत उनके सामने आ रही चुनौतियों और उसका तत्काल समाधान करने के लिए की जा रही है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) से कहा गया है कि वह PLI लाभार्थियों से बातचीत के लिए मंत्रालयों को प्रेरित करे।