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Budget 2024: सोलर रूफटॉप योजना से घर-घर पहुंचेगी सौर ऊर्जा

Solar Rooftop Scheme : सभी राज्यों में PM Suryoday Yojana को बढ़ाएंगे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

Last Updated- February 02, 2024 | 9:44 PM IST
Vikram Solar Share

सभी राज्यों में सोलर रूफटॉप योजना शुरू करने का दारोमदार सार्वजनिक क्षेत्र पर रहेगा। यह कार्य बिजली मंत्रालय के तत्वावधान में होगा। प्रधानमंत्री ने बीते महीने सोलर रूफटॉप योजना शुरू करने की पहले ही घोषणा की थी। इसका उल्लेख वित्त मंत्री ने भी अपने बजट भाषण में किया था।

केंद्रीय बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने जारी रूफटॉप सोलर का दूसरा व उन्नत चरण करार दिया है। सिंह ने बताया कि पीएम सर्वोदय योजना (पीएमएसवाई) को 300 यूनिट से कम खर्च करने वालों के लिए लक्षित किया गया और यह शहरी क्षेत्रों का कमजोर व कमजोर मध्यम तबका है।

सिंह ने बजट आने के एक दिन बाद कहा, ‘इस आर्थिक तबके के लिए अपने घरों की छत पर सोलर रूफटॉप लगाने के लिए ऋण लेना मुश्किल है। हम इनके लिए ऋण बढ़ रहे हैं और इसे लागू करने की जिम्मेदारी पीएसयू को दी गई है।’

पीएमएसवाई के तहत कुल परियोजना लागत का लागत का 60 प्रतिशत सब्सिडी होगी और बाकी राशि ऋण के रूप में दी जाएगी। सिंह ने स्पष्ट किया कि जिस घर पर सोलर रूपटॉप लगाई जाएगी, उसे ऋण नहीं लेना होगा बल्कि इस परियोजना को लागू करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के निगम (पीएसयू) को ऋण लेना होगा।

मंत्री ने कहा, ‘इस परियोजना के तहत पीएसयू सोलर रूफटॉप लगाएगा और घरों को जितनी भी बिजली चाहिए होगी, उन्हें प्रदान कराएगा। घर से प्राप्त अधिशेष बिजली को संबंधित बिजली वितरण कंपनियों को बेचा जाएगा और इस बिक्री से ऋण का भुगतान किया जाएगा।’

इस योजना की निगरानी आरईसी लिमिटेड करेगी और विभिन्न पीएसयू को विभिन्न राज्यों में लागू करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। ये पीएसयू इस योजना के क्रियान्वयन पर नजर रखेंगे। बिजली मंत्रालय के तहत आने वाले पीएसयू देश के सबसे बड़े बिजली उत्पादक हैं। ये पीएसयू हैं – एनटीपीसी लिमिटेड, एनएचपीसी लिमिटेड, पीएफसी, पावर ग्रिड, नीपको, एसजीवीएन, टीएचडीसी और ग्रिड इंडिया।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि सोलर रूफटॉप सिस्टम के कर्ज की अदायगी के बाद यह सिस्टम उपभोक्ता का हो जाएगा। इसके बाद उपभोक्ता बिजली बेचकर स्वयं भी धन कमा सकेगा। बजटीय अनुदान के बारे में मंत्री ने बताया कि अभी राशि तय नहीं की गई है लेकिन वे जो भी राशि तय करेंगे, वह मंत्रालय को मिलेगी। उन्होंने कहा, उन्होंने कहा ‘इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए उचित बजट दिया जाएगा।’

पीएमएसवाई का ध्येय एक करोड़ घरों पर सोलर पावर सिस्टम स्थापित करना है। वित्त मंत्री ने अपने अंतरिम बजट में कहा था कि एक करोड़ घरों को सौर ऊर्जा की उपकरण मुहैया करवाने से इन उपभोक्ताओं को नि:शुल्क में बिजली मिल पाएगी।

सीतारमण ने अंतरिम बजट के भाषण में कहा था, ‘घर को छतों पर सौर ऊर्जा की सुविधा मुहैया कराने से एक करोड़ घरों को हर महीने 300 यूनिट नि:शुल्क बिजली मिल पाएगी। इससे सालाना आधार पर इन घरों की 15 से 18,000 रुपये की बचत होगी। अधिशेष बिजली वितरण कंपनियों को बेची जा सकेगी।’ केंद्र की नैशनल रूफटॉप योजना में छत पर सौर ऊर्जा परियोजना के तहत कुल लागत का 40 प्रतिशत केंद्र की मदद के रूप में मुहैया करवाया जाता है।

सिंह ने बताया कि पीएमएसवाई के तहत बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया है और पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए 10 प्रतिशत अधिक है। जमीन पर लगी सौर ऊर्जा परियोजनाओं की तुलना में छत पर लगाए जाने वाले रूफटॉप सोलर परियोजना पिछड़ रही है। देश में सौर ऊर्जा से बिजली बनाने की कुल क्षमता 73 गीगावाट (जीडब्ल्यू) है।

इसमें जमीन पर लगी सौर ऊर्जा परियोजनाओं (बड़े स्तर की सौर ऊर्जा पैदा करने वाली इकाइयों) की क्षमता 56.9 गीगावाट है जबकि ग्रिड से जुड़े रूफटॉप 11 गीगावाट और ग्रिड से नहीं जुड़े 2.75 गीगावाट हैं। अधिकारी ने बताया कि अभी देशभर में छतों पर 6.75 करोड़ रूफटॉप सोलर सिस्टम लगे हैं।

First Published - February 2, 2024 | 9:44 PM IST

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