पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने आगामी बजट में वित्त मंत्रालय से ऊर्जा परिवर्तन के लिए 30,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किए जाने की मांग की है। पिछले बजट में तेल विपणन कंपनियों के लिए ऊर्जा परिवर्तन और नेट जीरो के लक्ष्य के लिए 30,000 करोड़ रुपये के कोश की घोषणा की गई थी, लेकिन इसे दिया नहीं गया।
पिछले बजट में इस बड़े बजट को चिह्नित करते हुए नए दौर के ईंधनों ग्रीन हाइड्रोजन, एथनॉल व अन्य बायो ईंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया था। हरित बदलाव के लिए रिकॉर्ड उच्च बजट अनुदान अर्थव्यवस्था में कार्बन उत्सर्जन कम करने और हरित ईंधन और हरित ऊर्जा के स्रोतों की ओर कदम बढ़ाने के हिसाब से अहम था।
केंद्र ने ऊर्जा में बदलाव की जिम्मेदारी तेल मंत्रालय को सौंपी है, जो स्वाभाविक रूप से सबसे ज्यादा जीवाश्म ईंधन का कारोबार करता है। अब तक वित्त मंत्रालय ने यह धन नहीं दिया है और साथ ही वह आगे इसमें कटौती करने के भी तर्क दे रहा है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी इसके पहले की दो तिमाहियों में तेल विपणन कंपनियों के रिकॉर्ड मुनाफे की ओर इशारा करते हुए 30,000 करोड़ रुपये फंड में कटौती की बात कर रहे हैं।
वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में प्रमुख तेल विपणन कंपनियों का कुल मिलाकर शुद्ध मुनाफा बढ़कर 28,836.5 करोड़ रुपये हुआ है, जबकि वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में 4,509.9 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। राजस्व में गिरावट के बावजूद बिक्री की मात्रा में वृद्धि से कंपनियों को मुनाफा बढ़ाने में मदद मिली। लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय का तर्क इसके विपरीत है।
अधिकारियों ने कहा, ‘लाल सागर क्षेत्र में खतरा बढ़ने की वजह से अगले साल के दौरान तेल की वैश्विक कीमतों में उतार चढ़ाव की उम्मीद है। अंतरमंत्रालयी परामर्श के दौरान हमने उनसे कहा था कि आगामी बजट में अनुदान बरकरार रखा जाना चाहिए।’
भारत के खुदरा ईंधन बाजार में पिछले 20 महीने से कोई बदलाव नहीं हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी की स्थिति देखें तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 6 अप्रैल, 2022 को आखिरी बार बदलाव हुआ था, जब कीमत 80 पैसे प्रति लीटर बढ़ी थी। उसके बाद से ओएमसी ने तेल की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की, जबकि यूक्रेन युद्ध के कारण कीमतों में उतार चढ़ाव काफी हुआ।
सभी तेल विपणन कंपनियों ने पहले ही ऊर्जा में बदलाव की दिशा में कदम उठाए हैं। ओएमसी इस समय ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए समग्र मसौदा तैयार कर रही हैं। केंद्र सरकार की 19,744 करोड़ रुपये के ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत रिफाइनरियों सहित विभिन्न क्षेत्र से ग्रीन हाइड्रोजन की खरीद अनिवार्य की गई है।
ओएमसी ने जैव और कृषि कचरे से एथनॉल का उत्पादन शुरू कर दिया है। इसे केंद्र सरकार के दीर्घावधि लक्ष्य से जोड़ने की योजना है, जिससे पेट्रोलियम में ज्यादा एथनॉल मिलाया जा सके। ई20 या 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति 1
अप्रैल से करने का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्र सरकार की एथनॉल मिलाने की योजना को पेट्रोल के मामले में बड़ी सफलता मिली है। 20 प्रतिशत एथनॉल मिले पेट्रोल (ई20) की बिक्री 9,300 से ज्यादा पेट्रोल पंपों पर हो रही है, जबकि 2025 तक पूरे देश में बेचे जाने का लक्ष्य है।