Budget 2024: राजमार्गों पर पूंजीगत खर्च की गति बरकरार रखते हुए केंद्र सरकार 2024-25 के पूर्ण बजट में इस क्षेत्र के लिए पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसकी जानकारी रखने वाले वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए पूंजीगत खर्च 5 से 10 फीसदी बढ़ाया जा सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में पेश अंतरिम बजट में भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पूंजीगत खर्च के लिए 2.72 लाख करोड़ रुपये आंवटित किए थे। राजमार्गों के निर्माण में तेजी लाने के लिए यह रकम 2023-24 के संशोधित अनुमान से 2.9 फीसदी अधिक है। पिछले दो वित्त वर्षों में राजमार्ग क्षेत्र के लिए बजट में लगातार इजाफा किया गया था। इसीलिए विशेषज्ञों को इस वित्त वर्ष में भी इस पर पूंजीगत खर्च के लिए आवंटन बढ़ाना वाजिब लग रहा है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव जीतकर लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है और जुलाई के दूसरे पखवाड़े में पूर्ण बजट पेश कर सकती है। नई सरकार ने पिछली बार के ज्यादातर प्रमुख मंत्रियों के विभाग बरकरार रखे हैं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े मंत्रालयों को उम्मीद है कि परियोजनाओं के लिए पैसों की किल्ल नहीं होगी।
राजमार्ग मंत्रालय चालू वित्त वर्ष के लिए आवंटित रकम में से 57,000 करोड़ रुपये से ज्यादा मई तक खर्च भी कर चुका है। यह रकम कुल आवंटन की करीब 22 फीसदी है।
पिछले कुछ वर्षों से ज्यादा पूंजगीत खर्च करने वाले मंत्रालयों से वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अपने लक्ष्य पूरे करने के लिए उन्हें खर्च में तेजी लानी चाहिए। 2020 से ही बुनियादी ढांचो क्षेत्र के अधिकतर मंत्रालय अपने पूंजीगत व्यय लक्ष्य से अधिक रकम खर्च कर रहे हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘अभी तक उन परियोजनाओं पर पूंजीगत खर्च हुआ है, जो पिछले कुछ साल में आवंटित की गई थीं। नई परियोजनाओं और हालिया परियोजनाओं के ठेकों में तेजी आई है, इसलिए आगे पूंजीगत खर्च में इजाफा होगा। आगामी बजट में इस पर विचार किया जाएगा मगर राजमार्ग के पूंजगत खर्च में 5 से 10 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद जायज है।’
इस बारे में जानकारी के लिए भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को ईमेल भेजा गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।
राजमार्ग मंत्रालय 5 लाख करोड़ रुपये के प्रमुख कार्यक्रम भारतमाला परियोजना के पहले चरण में लंबित और नई परियोजनाओं का ठेका देना शुरू करेगा। मगर भूमि अधिग्रहण में देर और अन्य वजहों से परियोजना की लागत बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अंदेशा है।
इस परियोजना को अब राजमार्ग मंत्रालय ने एक नए दृष्टिकोण 2047 के तहत कैबिनेट प्रस्ताव में शामिल किया है, जिस पर मंत्रिमंडल विचार विमर्श कर रहा है। विकसित भारत 2047 दस्तावेज के तहत अपने लक्ष्य पूरे करने के लिए मंत्रालय 20 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगा। भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए क्षेत्रवार कमियों की पहचान करने और उनमें सुधार लाने की यह सरकार के स्तर की पहल है।
राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने फरवरी में कहा था कि इस दृष्टिकोण के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों को अब किलोमीटर के हिसाब से ही नहीं देखा जाएगा बल्कि गुणवत्ता का भी ध्यान रखा जाएगा। फरवरी में अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 साल में चार और ज्यादा लेन वाले राजमार्गों की लंबाई 2.5 गुना बढ़कर 46,720 किलोमीटर हो गई। दो लेन या इससे कम चौड़ाई वाले राजमार्ग आधे यानी करीब 14,350 किलोमीटर ही रह गए, जो कुल राजमार्ग नेटवर्क के केवल 10 फीसदी हैं।