अर्थव्यवस्था

बिहार सरकार ने अपने विभागों को घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता देने को कहा

इस सरकारी कदम का स्वागत करते हुए बिहार वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष पी के अग्रवाल ने सुझाव दिया कि नियमों एवं नीतियों का उचित क्रियान्यवन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी निकाय बनाया जाना चाहिए

Published by
भाषा
Last Updated- March 11, 2023 | 2:34 PM IST

घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत बिहार सरकार ने अपने विभागों और निकायों को स्थानीय औद्योगिक इकाइयों द्वारा विनिर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।

सभी निगमों एवं स्वायत्त निकायों को भेजे परिपत्र में उद्योग विभाग ने उनसे सरकारी खरीदारी के दौरान राज्य की ‘खरीद वरीयता नीति-2002’ तथा ‘बिहार वित्त (संशोधन) नियमावली, 2005’ का कड़ाई से पालन करने को कहा है।

राज्य सरकार के सभी विभागों को अगले वित्त वर्ष से इन निर्देशों का पालन करना होगा।

राज्य के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने ‘पीटीआई-भाषा’ कहा, ‘‘इस अधिसूचना से निश्चित ही घरेलू विनिर्माताओं एवं आपूर्तिकर्ताओं को बल मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर एवं आय भी बढ़ेगी।’’

उन्होंने कहा कि बिहार में पंजीकृत बड़े एवं मझोले उद्योगों द्वारा विनिर्मित उत्पादों को राज्य के बाहर विनिर्मित उत्पादों की तुलना में दो प्रतिशत मूल्य वरीयता जाएगी।

उन्होंने कहा कि जहां तक छोटे उद्योगों की बात है तो मूल्य वरीयता सात प्रतिशत तक जा सकती है।

महासेठ ने कहा, ‘‘बिहार वित्त (संशोधन) नियमावली, 2005 के प्रावधानों के अनुसार गुणवत्ता एवं विशिष्ट मापदंडों के संदर्भ में कोई छूट नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल बिहार के बाहर से खरीदी गयी वस्तुओं की मात्रा, गुणवत्ता एवं मूल्य समेत उनके सारे ब्योरे सरकार को सौंपे जाए, ताकि राज्य में उनके उत्पादन का प्रयास किया जा सके।’’

इस सरकारी कदम का स्वागत करते हुए बिहार वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष पी के अग्रवाल ने सुझाव दिया कि नियमों एवं नीतियों का उचित क्रियान्यवन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी निकाय बनाया जाना चाहिए।

 

First Published : March 11, 2023 | 2:34 PM IST