अंतरिम बजट पेश किए जाने से करीब हफ्ते भर पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहचाने गए चार समूहों-युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों- की बेहतरी के लिए अपनी नीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘युवा, महिला, किसान और दुर्भाग्यशाली गरीब, जिनके उत्थान के लिए अभी भी सहायता की जरूरत है, सब कुछ उनकी बेहतरी के लिए किया जाएगा। ऐसा करते हुए जाति, समुदाय या धर्म के तौर पर किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा।’
उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम करें। सीतारमण ने ‘युवा सशक्तीकरण : विकसित भारत की नींव का निर्माण’ विषय पर आयोजित संवाद में ये बातें कहीं।
सीतारमण आम चुनावों से पहले 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार के प्रयास आर्थिक सहायता तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं के लिए अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के तौर पर किसानों को खेती के नवीनतम और प्राकृतिक तरीकों के बारे में बताया जा रहा है जिससे उनकी लागत में कमी आएगी। गरीबों को हम घर, पानी, बिजली, सड़क आदि सुविधा प्रदान कर रहे हैं और इन योजनाओं के क्रियान्वयन में हम पूर्ण लक्ष्य तक पहुंचने के करीब हैं।’
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने 2014 से ही लोगों को घर, पानी, सड़क, बिजली जैसी बुनियादी जरूरतें, जिनकी पिछले 50-60 वर्षों से कमी थी, को तत्काल मुहैया कराने के प्रयास किए हैं।
सीतारमण ने कहा कि भारत लाल सागर संकट जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में आत्मनिर्भर है और कई देश खाद्यान्न निर्यात के लिए दीर्घकालिक समझ बनाने के लिहाज से भारत के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। तिलहन और दालों को छोड़कर कृषि उत्पादों के मामले में भारत लगभग आत्मनिर्भर है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम उन भाग्यशाली देशों में से एक हैं जो युद्ध, लाल सागर संकट से प्रभावित दुनिया में खाद्यान्न की आवाजाही चुनौतीपूर्ण और महंगी होने के बावजूद काफी हद तक आत्मनिर्भर हैं। कृषि में अपार संभावनाएं हैं और हम इस क्षेत्र में शोध एवं विकास गतिविधियों में निवेश कर रहे हैं।’
सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के अंतर्गत फर्जी और अवांछित लाभार्थियों को बाहर करके 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत की है।
उन्होंने कहा कि डीबीटी से न केवल सरकारी धन अंतरण में पारदर्शिता आई है, बल्कि प्रौद्योगिकी के उपयोग से दक्षता भी बढ़ी है। वित्त मंत्री ने युवाओं से केवल अधिकार के बजाय कर्तव्य की भावना के साथ मतदान करने की अपील की।